बरेली: व्हाट्सएप ग्रुप तक ही सीमित रह गई ऑनलाइन पढ़ाई
बरेली, अमृत विचार। कोरोना काल में लाकडाउन लगने के बाद आनन-फानन में शुरू की गई ऑनलाइन पढ़ाई सरकारी स्कूलों में सफल होती नहीं दिख रही है। व्हाट्सएप पर ग्रुप बनाकर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इसको लेकर ज्यादा गंभीर नहीं हैं। सभी अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन भी नहीं …
बरेली, अमृत विचार। कोरोना काल में लाकडाउन लगने के बाद आनन-फानन में शुरू की गई ऑनलाइन पढ़ाई सरकारी स्कूलों में सफल होती नहीं दिख रही है। व्हाट्सएप पर ग्रुप बनाकर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इसको लेकर ज्यादा गंभीर नहीं हैं। सभी अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन भी नहीं हैं। उनके बच्चों की पढ़ाई तो बिल्कुल ठप है। जानकारी के बावजूद अधिकारी ऑनलाइन पढ़ाई को बहुत बेहतर बता रहे हैं। जबकि, जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है।
ऑनलाइन क्लास के संचालन के लिए ब्लॉक स्तर एआरपी नियुक्त किए गए हैं जो शिक्षकों की गतिविधियों पर निगरानी रखते हैं। सूफी टोला प्राथमिक विद्यालय छोटी विहार के आसपास बच्चों के अभिभावकों से बात की तो उन्होंने बताया कि यहां पर किसी प्रकार की ऑनलाइन क्लास नहीं चल रही है। यहां पर शिक्षक-शिक्षिका बच्चों को स्कूल में आने पर ही नहीं पढ़ाते तो ऑनलाइन क्या पढ़ाएंगे।
वह बोले कि मेरे पास स्मार्टफोन भी नहीं है। बिचपुरी गांव में एक अभिभावक ने बताया कि मेरे पास तो स्मार्टफोन है लेकिन ऑनलाइन क्लास के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। शिक्षा अधिकारियों के पास ऑनलाइन क्लास के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि व्हाट्सएप ग्रुप से ऑनलाइन क्लास की मॉनीटिरिंग की जा रही है।
ये है मिशन प्रेरणा योजना
मिशन प्रेरणा योजना प्रदेश सरकार का एक मुख्य कार्यक्रम है। इसके माध्यम से बेसिक शिक्षा विभाग के तहत प्रदेश के सभी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के भरपूर प्रयास और उसमें सुधार के लिए मार्च 2022 तक का समय निर्धारित किया गया है। इसके लिए प्रत्येक जिले में प्रेरक ब्लॉक बनाने के लिए खंड शिक्षाधिकारियों को अपने ब्लॉक का चयन कर समस्त शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशकों व सभी एआरपी को प्रेरित करने के लिए निर्देशित किया गया है। मिशन प्रेरणा के अंतर्गत अध्यापकों से लेकर अधिकारियों तक सभी को एक लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ना होगा। लक्ष्य के अनुरूप शिक्षकों की पदोन्नति भी की जाएगी।
प्रेरणा साथी बनाने का रखा गया लक्ष्य
एसआरजी डा. अनिल चौबे ने बताया कि ग्रामीण बच्चों को ऑनलाइन क्लास में कई दिक्कतें आ रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के पास मोबाइल नहीं है। इस कारण इस योजना में दिक्कतें आ रहीं है। जिले में करीब 11,000 शिक्षक हैं। सभी शिक्षकों से बच्चों की पढ़ाई कराने के लिए प्रत्येक शिक्षक से 2-2 प्रेरणा साथी बनाने के लिए कहा गया है। प्रेरणा साथी को शिक्षक अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ेंगे जिससे प्रेरणा साथी के नंबर पर पाठ्य सामग्री भेजी जाएगी। प्रेरणा साथी पाठ्य सामग्री को छात्र- छात्राओं को दिखाएगा। इससे छात्रों को अध्ययन करने में आसानी होगी।
लॉकडाउन से बंद हैं सभी स्कूल
संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेश में लॉकडाउन लगाया गया था। जिसके कारण सभी विद्यालय बंद चल रहे हैं। ऐसे में बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो और उन्हें पढ़ने की सामग्री मिलती रहे, इसलिए ऑनलाइन शिक्षण कार्य करने की व्यवस्था की गई है। बेसिक शिक्षा विभाग के सभी स्कूलों में शिक्षक छात्र-छात्राओं पाठ्य सामग्री भेजते हैं। कई स्कूलों में तो ऑनलाइन क्लास की को शुरू भी नहीं किया गया। अधिकारियों के कार्यालय में ये योजना बहुत अच्छी चल रही है लेकिन धरातल पर इस योजना को ग्रहण लगा हुआ है।ऑनलाइन क्लास की पाठ्य सामग्री शासन द्वारा तैयार होकर आती है। इसे जिला स्तर और ब्लॉक स्तर के अधिकारियों कि निगरानी में भेजी जा रही है।