मुरादाबाद: चार लाख फिरौती लेने के बाद भी नहीं बख्शी कारोबारी की जान, दो आरोपी गिरफ्तार

मुरादाबाद,अमृत विचार। 65 हजार रुपये उधार न देना तथा इस विषय में अन्य लोगों को बता देना स्पेयर पार्ट्स कारोबारी को भारी पड़ गया। इसे अपना अपमान समझ खुन्नस खाए आरोपी ने बदला लेने के लिए फुफेरे भाइयों के साथ मिलकर उनकी हत्या कर डाली। इससे पहले उनके घर से चार लाख रुपये भी मंगवाकर …
मुरादाबाद,अमृत विचार। 65 हजार रुपये उधार न देना तथा इस विषय में अन्य लोगों को बता देना स्पेयर पार्ट्स कारोबारी को भारी पड़ गया। इसे अपना अपमान समझ खुन्नस खाए आरोपी ने बदला लेने के लिए फुफेरे भाइयों के साथ मिलकर उनकी हत्या कर डाली। इससे पहले उनके घर से चार लाख रुपये भी मंगवाकर हड़प लिए।
एसओजी और पाकबड़ा पुलिस ने 48 घंटे में इसका खुलासा करते हुए दो आरोपियों को आला-ए-कत्ल के साथ गिरफ्तार कर लिया। तीसरे आरोपी की तलाश की जा रही है। उनकी निशानदेही पर साढ़े तीन लाख रुपये भी बरामद कर लिए गए हैं। घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को एडीजी जोन अविनाश चंद्र ने एक लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है।
इस सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा करते हुए डीआईजी शलभ माथुर ने बताया कि चार जून की रात पाकबड़ा थानाक्षेत्र के मोहल्ला शनिवार का बाजार निवासी संजीव गुप्ता ने अपने छोटे भाई कुलदीप गुप्ता की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। कुलदीप अपनी पत्नी व बच्चों के साथ मझोला थानाक्षेत्र के मिलन विहार में रहते थे। उनकी पाकबड़ा में डींगरपुर तिराहा पर स्पेयर पार्ट्स की दुकान है। उनकी तलाश में पांच टीमों को लगाया गया था। पांच जून की शाम करीब सात बजे बिजनौर जनपद के स्योहारा थानाक्षेत्र में 45 वर्षीय अज्ञात व्यक्ति का शव मिलने की सूचना मिली। मझोला पुलिस और एसओजी ने संदीप गुप्ता को ले जाकर शिनाख्त कराई। संजीव ने शव की पहचान अपने भाई कुलदीप गुप्ता के रूप में की। इसके बाद मुकदमे को हत्या में तरमीम कर दिया गया था।
पुलिस ने की सख्ती तो उगल दिया राज
विवेचना के दौरान घटना में मझोला थाना क्षेत्र के लाइनपार चाऊ की बस्ती निवासी नंद किशोर उर्फ नंदू और सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के गांव काजीपुरा निवासी कर्मवीर उर्फ भोलू और उसके भाई रनवीर उर्फ नन्हे के नाम प्रकाश में आए। उनमें से पुलिस ने नंदकिशोर उर्फ नंदू और कर्मवीर उर्फ भोलू को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में नंदू ने बताया कि उसकी मुलाकात कुलदीप से बुद्धि विहार में एक शादी समारोह में हुई थी। इसके बाद दोनों का एक-दूसरे के घर आना-जाना हो गया था। नंदू ने कुलदीप को एक पोलो कार खरीदवाई थी। बाद में उस गाड़ी को बिकवाया भी था। नंद किशोर के पास मोडरोन हैल्थ केयर की फेंचाइजी है। लाकडाउन में काम मंदा हो गया था। इसके अलावा उस पर बैंकों आदि का करीब 25 लाख रुपये कर्ज भी है। उसकी किस्त भरने के लिए उसने कुलदीप से दो महीने पूर्व 65 हजार रुपये उधार मांगे थे। कुलदीप ने उसे पैसे तो नहीं दिए लेकिन इस बात को कई लोगों को बताकर समाज में उसकी बदनामी कर दी। इसी को लेकर वह उनसे रंजिश रखता था। इसी बदनामी का बदला लेने के लिए वह मौके की तलाश में था। उन्होंने बताया कि कुलदीप को सबक सिखाने के लिए उसने योजना बनाई। इसमें नंदू ने अपनी बुआ के लड़कों रनवीर उर्फ नन्हे और कर्मवीर उर्फ भोलू को भी शामिल कर लिया।
पहले की पिटाई फिर रुपये हाथ आने के बाद उतार दिया मौत के घाट
योजना के तहत नंदकिशोर चार जून को मोटरसाइकिल लेकर कुलदीप की दुकान पर गया। किसी मरीज को देखने का बहाना बनाकर उन्हें बाइक पर बैठाकर कोठीवाल डेंटल कालेज के पास कांठ रोड पर ले गया। वहां रनवीर उर्फ नन्हे पहले ही एंबुलेंस के साथ मौजूद था। कुलदीप को उसमें बैठाकर नंदू और नन्हे बिजनौर की ओर ले गए। इस दौरान उन्होंने उनकी पिटाई भी की और दबाव बनाकर उनसे ही उनकी पत्नी को फोन करवाकर चार लाख रुपये मंगवाने को कहा। कुलदीप ने पत्नी को फोन कर दुकान पर काम करने वाले नौकर से चार लाख रुपये मंगा लिए। नंदू के कहने पर कर्मवीर उर्फ भोलू उसकी दुकान पर पैसे लेने गया। नंदू ने उससे कह दिया था कि हेल्मेट और मास्क नहीं उतारना है। रुपये लेने के बाद भोलू ने नौकर के फोन से ही नंदू से बात की। इसके बाद उसने रकम उसके घर पहुंचा दी। उधर रकम मिलने की सूचना मिलते ही नंदू और नन्हे ने एंबुलेंस में रखे भारी टूल्स से कुलदीप के सिर पर वार कर उनकी हत्या कर दी। अंधेरा होने के बाद शव को स्योहारा थाना क्षेत्र के गांव गंगाधरपुर के पास सड़क किनारे खंती में फेंक दिया। डीआईजी ने बताया कि नंदू के घर से साढ़े तीन लाख रुपये बरामद कर लिए गए हैं। घटना का खुलासा करने वाली पुलिस और एसओजी टीम को एडीजी बरेली जोन अविनाश चंद्र ने एक लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है।
नगीना में चेकपोस्ट पर लगे सीसीटीवी में कैद हुई थी एंबुलेंस
कुलदीप हत्याकांड में पुलिस को उस समय मजबूत ब्रेक थ्रू मिला, जब एंबुलेंस की सीसीटीवी फुटेज मिल गई। कुलदीप के नौकर मुस्तफा के मोबाइल में रकम लेने वाले आरोपी की फोटो की प्रॉपर्टी से समय का पता लग गया था। इसके बाद मोबाइल लोकेशन की मदद से पुलिस यह पता करने में कामयाब हो गई कि उस समय कुलदीप कांठ रोड पर थे। आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। इसके बाद पुलिस को बिजनौर के नगीना में पुलिस चेकपोस्ट के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में वही एंबुलेंस मिल गई। शव के पास पुलिस को विजिटिंग कार्ड भी मिला था। यह एंबलेंस चालक रनवीर का था। इससे पुलिस समझ गई कि हत्याकांड में एंबुलेंस का ही प्रयोग किया गया है। बाद में पुलिस ने ट्रैस करके एंबुलेंस पकड़ ली।
जांच में जुटी पुलिस की टीमों ने नहीं झपकी पलक
इस हत्याकांड का पर्दाफाश करने के लिए एसएसपी ने पांच टीमों का गठन किया था। थाना पुलिस के साथ ही एसओजी और सर्विलांस सेल के 40 से अधिक लोग पर्दाफाश करने में जुटे थे। इस दौरान 48 घंटे तक बिना नींद लिए अफसर कातिलों को पकड़ने के लिए दौड़ते रहे। पुलिस ने दो दिनों में तीन सौ काल रिकार्ड के साथ ही चार सौ से अधिक सीसीटीवी फुटेज भी चेक कीं।
कर्ज के कारण अपराधी बन गया दवा कारोबारी नंदू
हत्याकांड के मुख्य आरोपी मझोला के चाऊ की बस्ती निवासी नंद किशोर के पिता चंद्रपाल रेलवे में टैक्निशियन थे। नंद किशोर दवा कंपनी में एमआर था। बाद में वह खुद मडोरोना की फ्रेंचाइजी लेकर दवा व्यापारी बन गया। वर्ष 2020 में वह पत्नी को साथ लेकर पिता से अलग रहने लगा। नंद किशोर उर्फ नंदू महत्वाकांक्षी था। उसने 20 लाख रुपये का गोल्ड लोन ले रखा था। इसके अलावा अलग-अलग बैंकों से भी कर्ज लिया था। कारोबार बढ़ाने के लिए नंद किशोर कर्ज के बोझ में डूबता चला गया। लाकडाउन ने तो उसकी कमर ही तोड़ दी। हालात ये हो गए कि वह लोन की किस्त तक जमा नहीं कर सका। इसके लिए उसने कुलदीप से 65 हजार रुपये उधार मांगे थे मगर उन्होंने नहीं दिए। बस यहीं से उनके बीच रंजिश का बीज पनपने लगा। इसी का बदला लेने के लिए उसने चार लाख रुपये ऐंठने के लिए उनकी हत्या कर दी। इस तरह कर्ज ने दवा कारोबारी को अपराध के गर्त में धकेल दिया।
नंदू ने ससुर को दिए थे 20 हजार रुपये
हत्याकांड के मुख्य आरोपी दवा कारोबारी नंद किशोर उर्फ नंदू की ससुराल स्योहारा थाना क्षेत्र में ही है। उसकी पत्नी कुछ दिनों से ससुराल में ही रह रही है। पूछताछ में नंदू ने बताया कि कुलदीप की हत्या करने के बाद वह रनवीर के साथ ससुराल पहुंचा। वहां चार लाख में से 20 हजार रुपये उसने अपने ससुर को पत्नी के खर्च के लिए दिए। 50 हजार रुपये और कुलदीप के गले से निकाली गई सोने की चेन रनवीर को दे दी। कुलदीप के नौकर से रकम उठाने वाले रनवीर के भाई कर्मवीर को भी 50 हजार रुपये दिए थे। एसपी सिटी अमित कुमार आनंद ने बताया कि कुलदीप के अपहरण के बाद आरोपियों ने जो चार लाख रुपये लिए थे, उनमें से साढ़े तीन लाख रुपये बरामद कर लिए गए हैं। पचास हजार रुपये और सोने की चेन रनवीर के पास है।
तीन आईपीएस के मार्गदर्शन में पांच टीमों ने 30 घंटे तक की मशक्कत
कारोबारी की अपहरण के बाद हत्या की घटना से पुलिस में हड़कंप मच गया था। एसएसपी प्रभाकर चौधरी, एसपी सिटी अमित कुमार आनंद और एएसपी अनिल कुमार यादव के मार्गदर्शन में पुलिस की पांच टीमें इस मामले के खुलासे में जुटी थीं। एसएचओ पाकबड़ा योगेंद्र कृष्ण यादव और अपराध निरीक्षक मनोज कुमार के नेतृत्व में 12 पुलिसकर्मियों की दो टीम, एसओजी प्रभारी अजयपाल सिंह के नेतृत्व में 8 सदस्यीय टीम और सर्विलांस सेल प्रभारी आशीष सहरावत के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम शनिवार की शाम से सोमवार दोपहर तक लगातार मशक्कत करती रहीं। इसके अलावा करीब सौ पुलिसकर्मी अलग-अलग एंगल से मामले की जांच करने और साक्ष्य जुटाने के लिए लगाए गए थे।
परिजनों ने आरोपियों के लिए मांगी फांसी की सजा
पुलिस लाइन सभागार में जिस समय डीआईजी शलभ माथुर मीडिया के समक्ष हत्याकांड का खुलासा कर रहे थे, तभी कुलदीप गुप्ता के भाई संजीव गुप्ता और राजीव गुप्ता भी कुछ रिश्तेदारों के साथ पहुंच गए। दोनों ने पुलिस द्वारा किए गए खुलासे पर न केवल संतोष जताया, अफसरों को हाथ जोड़कर धन्यवाद भी दिया। दोनों ने कहा कि हमारा भाई तो नहीं बचाया जा सका। लेकिन, पुलिस ने वारदात के बाद से बहुत सहयोग किया और सही आरोपियों को सलाखों के पीछे भेज दिया। उन्होंने मांग की कि अब आरोपियों को फांसी की सजा दिलाई जाए।
कांठ विधायक ने परिजनों को बंधाया ढांढस
सोमवार को कांठ विधायक कारोबारी के घर पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया। उन्होंने पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया। इस संबंध में थाना प्रभारी योगेंद्र कृष्ण यादव से भी बातचीत की और तीसरे आरोपी को भी जल्द पकड़ने के लिए कहा। इस दौरान मयंक अग्रवाल, श्याम रुहेला, रिंकू गोस्वामी, महेंद्र गुप्ता, सुनील गुप्ता आदि मौजूद रहे।