Bareilly: ऊंट के मुंह में जीरा...सात करोड़ से ज्यादा अटके, मिले सिर्फ 60 लाख

एक साल से मानदेय का इंतजार कर रहे हैं जिले के 776 रोजगार सेवक

Bareilly: ऊंट के मुंह में जीरा...सात करोड़ से ज्यादा अटके, मिले सिर्फ 60 लाख

बरेली, अमृत विचार। जिले में एक साल से मानदेय का इंतजार कर रहे रोजगार सेवकों के लिए मिला बजट ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। सात करोड़ से ज्यादा की बकायादारी होने के बाद महज 60 लाख रुपये 12 ब्लॉकों को ही मिल सके। जबकि डोंगल न लगने से तीन ब्लॉकों में पैसा नहीं पहुंच सका है। ऐसे में अभी रोजगार सेवकों को और इंतजार करना पड़ेगा।

जिले में 776 रोजगार सेवक हैं। प्रतिमाह 10 हजार का मानदेय है, इसमें 2212 रुपये पीएफ के कटने से 7788 के हिसाब से भुगतान किया जाता है। एक साल से ज्यादा होने वाला है मगर रोजगार सेवकों को मानदेय नहीं मिला है। करीब सात करोड़ 25 लाख रुपये का भुगतान फंसा हुआ है। लंबे समय से रोजगार सेवक भुगतान की मांग कर रहे हैं।

24 मार्च को केंद्र सरकार से बजट जारी किया गया। इससे रोजगार सेवको ने अधिकारियों से मिलकर भुगतान कराने की मांग की थी। बजट जारी होने पर जिले में तीन मदों में ग्राम पंचायत, विकास कार्य और जिले के लिए भेजा गया। वहीं, जिले के मद से सीडीओ जग प्रवेश और डीसी मनरेगा मो. हसीब अंसारी के प्रयास से 12 ब्लॉकों को 60 लाख रुपये जारी कर दिए गए हैं। 550 रोजगार सेवकों को मानदेय का भुगतान हो गया है। जिलाध्यक्ष रोजगार सेवक संघ गंगादीन कश्यप ने बताया कि डोंगल नहीं लग पाने की वजह से आलमपुर जाफराबाद, क्यारा और मीरगंज ब्लॉक में पैसा नहीं पहुंच सका, जिससे करीब 150 से ज्यादा रोजगार सेवक मानदेय पाने से वंचित रह गए हैं। संगठन के प्रयास और उच्चाधिकारियों की मदद से 60 लाख का भुगतान हो गया है। जिले के मद में प्रशासनिक खर्च के लिए मिली धनराशि को रोजगार सेवकों के लिए जारी की गई है। थोड़ी राहत मिली है।