नैनीताल: जू में वन्यजीवों की खुराक के लिए मिले 60 लाख

हल्द्वानी, अमृत विचार। कोविड-19 महामारी में पर्यटन सीजन चौपट होने से देश की पहली हाई एल्टीट्यूड गोविंद बल्लभ पंत जू नैनीताल में वन्यजीवों की खुराक का संकट हो गया है। शासन ने वन्यजीवों की खुराक के लिए 60 लाख रुपए जारी किए है हालांकि जू प्रबंधन ने दो करोड़ का बजट मांगा था। नैनीताल जू …
हल्द्वानी, अमृत विचार। कोविड-19 महामारी में पर्यटन सीजन चौपट होने से देश की पहली हाई एल्टीट्यूड गोविंद बल्लभ पंत जू नैनीताल में वन्यजीवों की खुराक का संकट हो गया है। शासन ने वन्यजीवों की खुराक के लिए 60 लाख रुपए जारी किए है हालांकि जू प्रबंधन ने दो करोड़ का बजट मांगा था।
नैनीताल जू प्रबंधन के अनुसार पर्यटकों की आमद से औसतन ढाई-तीन करोड़ रुपए की कमाई होती है। इस कमाई से वन्यजीवों की खुराक, जू का स्टाफ की सेलरी व जू संचालन का खर्च निकलता है। इस साल शुरूआती तिमाही जनवरी से मार्च तक तकरीबन 20-22 लाख रुपए की आय हुई थी जबकि जू का प्रति माह का संचालन खर्च ही 20-22 लाख रुपए है। ऐसे में जू प्रबंधन के सामने वन्यजीवों की खुराक का संकट खड़ा हो गया।
जू प्रबंधन ने शासन से 20 लाख रुपए प्रति माह खर्च के अनुसार 10 माह का दो करोड़ रुपए का बजट मांगा था। शासन से इसके सापेक्ष 60 लाख रुपए मिल गए हैं। जिनसे मई से अगस्त माह तक जू का संचालन हो जाएगा। इसके बाद वन्यजीवों की खुराक का संकट होगा।
रॉयल बंगाल टाइगर समेत कई वन्यजीव है जू की शान
नैनीताल जू में रॉयल बंगाल टाइगर, रेड पांडा, तेंदुए, तिब्बती भेड़, हिमालयन भालू, हिरन, चिड़ियों की 350 प्रजातियां, अजगर सांप समेत सरीसृप की दर्जनों प्रजातियां हैं। इसी के साथ ही वहां वन्यजीवों के लिए रेस्क्यू सेंटर भी है।
वन्यजीवों की खुराक व जू संचालन के लिए शासन से 2 करोड़ रुपए मांगा था इसमें शासन से 60 लाख रुपए मिला है। इस बजट से अगस्त तक जू का संचालन हो जाएगा। यदि पर्यटन गतिविधि शुरू नहीं होती है तो जू संचालन में परेशानी होगी।-बीजूलाल, डीएफओ/जू निदेशक, नैनीताल जू