योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलें तेज, क्या एके शर्मा बनाए जाएंगे यूपी के डिप्टी सीएम?
लखनऊ, अमृत विचार। योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलें एक बार फिर तेज हो गईं हैं। विस्तार की अटकलों के पीछे की सबसे मजबूत कड़ी के रूप में गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी व भाजपा के एमएलसी एके शर्मा बताए जा रहे हैं। जानकारों की मानें तो इसमें तीन प्रकार की संभावनाएं दिख रही …
लखनऊ, अमृत विचार। योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलें एक बार फिर तेज हो गईं हैं। विस्तार की अटकलों के पीछे की सबसे मजबूत कड़ी के रूप में गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी व भाजपा के एमएलसी एके शर्मा बताए जा रहे हैं। जानकारों की मानें तो इसमें तीन प्रकार की संभावनाएं दिख रही हैं। पहली, अकेले एके शर्मा को मजबूत दायित्व दिया जाएं। संभावना यह भी जताई जा रही कि पीएम मोदी के करीबी होने के नाते डिप्टी सीएम बनाया जाए। दूसरा एक छोटा विस्तार जिसमें कुछ अन्य को भी जगह मिले और तीसरा विस्तार का न होना भी हो सकता है।
सरकारी सेवा से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के समय से ही एके शर्मा के योगी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। भाजपा का झंडा पकड़ने के बाद पंचायत चुनाव और फिर कोरोना की दूसरी लहर आ गयी। वायरस का प्रकोप बढ़ता गया। राज्य की परिस्थितियां बिगड़ गयीं।
इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी कोविड की चपेट में पूरी तरह से आ गया। सूत्र बताते हैं कि वाराणसी में कोविड प्रबंधन के लिए पीएमओ की तरफ से एमएलसी एके शर्मा को लगाया गया। पूर्व ब्यूरोक्रेट के अनुभवों का लाभ वाराणसी को ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों को भी मिला। वाराणसी की स्थितियां बेहतर हुईं। प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी मॉडल की खूब सराहना की।
मोदी से मिलने के बाद चर्चाओं का बाजार गरमाया
इस सब के बाद एके शर्मा की मुलाकात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हुई। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से भी मुलाकात किया। उसके तुरंत बाद बीते रविवार को प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल के बीच उत्तर प्रदेश को लेकर मंथन किया गया।
केंद्रीय नेतृत्व के मंथन के बाद से विस्तार को लेकर चर्चाओं का बाजार और गर्मा गया। जानकार बताते हैं मौजूदा समय में तीन परिस्थितियां उत्पन्न हो रहीं हैं। पहली, डिप्टी सीएम के पद पर इनकी तैनाती की जाएं या फिर एक छोटा मंत्रिमंडल विस्तार किया जाए जिसमें कुछ और लोगों को शामिल किया जाए। दूसरा, केवल एके शर्मा को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए और उन्हें प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की जिम्मेदारी दी जाए। तीसरा मंत्रिमंडल विस्तार किए बगैर एके शर्मा को इस तरह की जिम्मेदारी दी जाए।
डिप्टी सीएम पर भी चर्चा
जानकारों के अनुसार, चर्चा इस बात पर भी हो रही है कि प्रदेश में दो डिप्टी सीएम ही रखे जाएंगे या फिर तीन किए जाएंगे। इसको लेकर भी उच्च स्तर पर भी संगठन में मंथन चल रहा है लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका है। यह भी कहा जा रहा है कि एक जून या जून के शुरूआती सप्ताह में ही मंत्रिमंडल का विस्तार या एके शर्मा को लेकर बड़ा निर्णय हो सकता है। फिलहाल बीते रविवार की बैठक के बाद से प्रदेश में सियासी पारा चढ़ा हुआ है।