बरेली: 18 वेंटिलेटर फिर भी भर्ती नहीं कर रहे गंभीर मरीज, बताई ये वजह

बरेली,अमृत विचार। 300 बेड कोविड अस्पताल में 18 वेंटिलेटर होने के बावजूद गंभीर संक्रमित मरीजों को यहां भर्ती नहीं किया जा रहा। विभागीय अधिकारी इसके पीछे विशेषज्ञ डॉक्टर, एनेस्थेटिक व अन्य स्टाफ का न होना बता रहे हैं। इसी वजह से इसे एल-2 कोविड अस्पताल का ही दर्जा दिया गया है। ऐसे में गंभीर मरीजों …
बरेली,अमृत विचार। 300 बेड कोविड अस्पताल में 18 वेंटिलेटर होने के बावजूद गंभीर संक्रमित मरीजों को यहां भर्ती नहीं किया जा रहा। विभागीय अधिकारी इसके पीछे विशेषज्ञ डॉक्टर, एनेस्थेटिक व अन्य स्टाफ का न होना बता रहे हैं। इसी वजह से इसे एल-2 कोविड अस्पताल का ही दर्जा दिया गया है। ऐसे में गंभीर मरीजों को यहां से रेफर किया जा रहा है। इससे कई बार मरीजों की जान पर भी बन आती है।
जिले में 300 बेड कोविड अस्पताल के अलावा डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाए गए तीन मेडिकल कॉलेज के अलावा 13 निजी अस्पताल हैं। एसआरएमएस और रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज में 20-20 और राजश्री अस्पताल में 10-10 वेंटीलेटर हैं। निजी अस्पतालों में 65 मिलाकर कुल 105 वेंटीलेटर जिले के अस्पतालों में हैं जिनमें से अधिकांश समय सभी जगह के वेंटिलेटर फुल रहते हैं। जबकि, 300 बेड अस्पताल में सामान्य व आईसीयू के अलावा वेंटीलेटर युक्त आइसीयू भी बनाया गया था। फिर भी अब तक यहां एक भी गंभीर संक्रमित मरीज भर्ती नहीं किया गया।
शासन को भेजी रिपोर्ट में एक भी वेंटिलेटर नहीं
जिले में कोविड मरीजों की स्थिति पर रोज एक रिपोर्ट शासन को भेजी जाती है। इसमें जिले में कोविड अस्पताल बनाए गए मेडिकल कॉलेज समेत निजी अस्पतालों में मौजूद वेंटीलेटर पर कितने मरीज भर्ती हैं, इसकी पूरी जानकारी रहती है। हालांकि चौंकाने वाली बात यह है कि 300 बेड कोविड अस्पताल में 18 वेंटीलेटर होने के बावजूद शासन को भेजी जाने वाली रिपोर्ट में वेंटिलेटरों की संख्या शून्य ही बताई जाती है।
“300 बेड कोविड अस्पताल में कुछ समय पहले 18 वेंटिलेटर आए थे लेकिन विशेषज्ञ स्टाफ के अभाव में वेंटिलेटर नहीं चल पा रहे हैं। प्रशासन से बात कर वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही हैं।” -डा. रंजन गौतम, जिला सर्विलांस अधिकारी