इंसानियत का फर्ज

इंसानियत का फर्ज

कोरोना की दूसरी लहर के चलते देश मुश्किल समय से जूझ रहा है। असंख्य मरीज अस्पतालों में ऑक्सीजन के सहारे जिंदा हैं अथवा वेंटिलेटर पर सांस ले रहे हैं। जीवन और मौत के बीच इतनी अनिश्चितता है कि आम आदमी सोचने पर मजबूर है। सरकारी अस्पतालों की हालत किसी से छिपी नहीं है। बेड और …

कोरोना की दूसरी लहर के चलते देश मुश्किल समय से जूझ रहा है। असंख्य मरीज अस्पतालों में ऑक्सीजन के सहारे जिंदा हैं अथवा वेंटिलेटर पर सांस ले रहे हैं। जीवन और मौत के बीच इतनी अनिश्चितता है कि आम आदमी सोचने पर मजबूर है। सरकारी अस्पतालों की हालत किसी से छिपी नहीं है। बेड और ऑक्सीजन की किल्लत के बीच दम तोड़ते लोगों की खबरें विचलित करती हैं। निस्संदेह तंत्र की चूक और समय रहते संकट का आकलन न कर पाना इस महामारी को भयावह बना गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि कोरोना की पहली लहर को परास्त करने के बाद हौसले से भरे देश को दूसरी लहर के तूफान ने झकझोर दिया है। कोरोना हम सब के धैर्य और दुख के बर्दाश्त करने की सीमा की परीक्षा ले रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की सलाह पर चलकर हम इस तूफान से भी पार पा लेंगे। यह सच है कि एक तरफ कोरोना के खिलाफ अभियान में मेडिकल क्षेत्र के लोग जंग लड़ रहे हैं तो दूसरी ओर देश के अलग-अलग कोने में इस चुनौतीपूर्ण समय में भी स्वयं सेवी संगठन आगे आकर दूसरों की मदद के लिए जो भी कर सकते हैं वो करने का प्रयास कर रहे हैं।

कुछ लोग पूरे देश में चेन बनाकर काम कर रहे हैं और इंसानियत का फर्ज निभा रहे हैं। उनकी हिम्मत से उम्मीद बंधती है। यह हौसला और जज्बा बढ़ना चाहिए। यह चेन टूटनी नहीं चाहिए बल्कि और मज़बूत होनी चाहिए। पिछली लहर में भी यूपी में महिला स्वयं सहायता समूहों ने लोगों को मास्क, ग्लब्स व सैनिटाइजर उपलब्ध कराने में सराहनीय योगदान दिया था। यह सुखद स्थिति है। ऑक्सीजन संकट से निपटने के लिए देश-प्रदेश में कई घोषणाएं की गई हैं।

देर से ही सही पर ये खबर राहत पहुंचाने वाली है। केंद्र ने बड़ा कदम उठाते हुए प्रत्येक जिले में प्लांट लगवाने की घोषणा की है। प्रदेश में ऑक्सीजन की मांग-आपूर्ति-वितरण की लाइव ट्रैकिंग कराने की व्यवस्था लागू हो गई है। आईआईटी कानपुर, आईआईएम लखनऊ और आईआईटी बीएचयू के सहयोग से ऑक्सीजन की ऑडिट कराने की कार्रवाई कराई जाएगी।

साथ ही दिल्ली में एक पोर्टल शुरू किया जा रहा है जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति के बेहतर प्रबंधन के लिए ऑक्सीजन निर्माताओं, आपूर्तिकर्ताओं और अस्पतालों द्वारा हर दो घंटे में अपडेट किया जाएगा। हमें भी डरने की जरुरत नहीं है बल्कि कोरोना से लड़ाई जीतने के लिए सबको ‘दवाई भी-कड़ाई भी’ के सूत्र को प्रभावी ढंग से अमल में लाना होगा। उम्मीद है कि जल्द ही इस समय से बाहर आएंगे।