बरेली: कोरोना का कहर- अस्थियां तक उठाने वाले नहीं बचे

बरेली, अमृत विचार। कोरोना संक्रमण का कहर अब इस कदर बढ़ चुका है कि लोगों को अपने ही परिजनों की अस्थियां तक उठाने को नहीं मिल रही। शमशान भूमि में लाशों को जमीन पर जलाया जा रहा है। कई परिवार ऐसे हैं, जिनके सभी सदस्य संक्रमित है। ऐसे में उनके परिवार में मौत होने पर …
बरेली, अमृत विचार। कोरोना संक्रमण का कहर अब इस कदर बढ़ चुका है कि लोगों को अपने ही परिजनों की अस्थियां तक उठाने को नहीं मिल रही। शमशान भूमि में लाशों को जमीन पर जलाया जा रहा है। कई परिवार ऐसे हैं, जिनके सभी सदस्य संक्रमित है। ऐसे में उनके परिवार में मौत होने पर वह अपनों की अस्थियां तक नहीं उठा पाते।
ऐसे में डीडीपुरम के रहने वाले संजीव जिंदल उर्फ साइकिल बाबा ने एक पहल शुरू की है। वह उन लोगों की अस्थियां उठाकर एकत्र करते हैं जिनके पूरा परिवार क्वारंटाइन है और सही होने पर उनके हवाले कर देते हैं। संजीव जिंदल बताते हैं कि जब उन्हें पता चला कि कई लोगों की अस्थियां सिर्फ इसलिए एकत्र नहीं हो पा रहीं हैं क्योंकि उनका पूरा परिवान क्वारंटाइन है।
ऐसे में उन्होनें ऐसे लोंगों की मदद करने का फैसला ले लिया। सबसे पहले उन्होंने अपने मित्र रविंद्र के एक परिचित की मदद की। रविंद्र के परिचित के परिवार में मौत हो गई थी। मृतक का पूरा परिवार कोरोना संक्रमित होने की वजह से क्वारंटाइन था। जब यह बात संजीव जिंदल को पता चली तो वह दोनों अंत्येष्टी स्थल (संजय नगर शमशान भूमि) पहुंच गए।
वहां जाकर उन्होंने अस्थियों को एकत्र किया और एक बोरे में भरकर शमशान भूमि में ही मृतक का नाम लिखकर रख दिया। संजीव का कहना है कि वह अब उन्होंने इसकी शुरूआत कर दी है। जो भी उनसे मदद मांगेगा वह उनकी मदद के लिए तैयार रहेंगे।