कॉलेजियम की सिफारिशों पर अटॉर्नी जनरल से जवाब तलब

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम द्वारा की गयी 55 नामों की सिफारिशों पर विचार करने को लेकर गुरुवार को एटर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से वक्तव्य देने को कहा। न्यायाधीशों के नामों की ये सिफारिशें लंबे समय से लंबित हैं। मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति …
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम द्वारा की गयी 55 नामों की सिफारिशों पर विचार करने को लेकर गुरुवार को एटर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से वक्तव्य देने को कहा। न्यायाधीशों के नामों की ये सिफारिशें लंबे समय से लंबित हैं।
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की खंड पीठ ने ‘पीएलआर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड बनाम महानदी कोलफील्ड्स प्राइवेट लिमिटेड’ मामले की सुनवाई के दौरान कहा,“ हमने (न्यायाधीशों के) नाम तय किये हैं, लेकिन विधि एवं न्याय मंत्रालय ने छह माह से अधिक बीत जाने के बाद भी इसे हरी झंडी नहीं दी है।
न्यायमूर्ति कौल ने कहा, “45 नाम ऐसे हैं जिनकी सिफारिशें उच्च न्यायालयों ने की हैं, लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम नहीं भेजा गया है। दस नाम ऐसे भी हैं जिन्हें कॉलेजियम ने हरी झंडी दे दी है लेकिन सरकार की ओर से अधिसूचना जारी नहीं हो पा रही है।
उन्होंने वेणुगोपाल से पूछा कि आखिरकार विधि एवं न्याय मंत्रालय 45 नाम कॉलेजियम को कब भेजेगा और 10 नामों की अधिसूचना कब जारी करेगा? न्यायालय ने कहा कि कॉलेजियम की अनुशंसा के बाद विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी करने के लिए एक उचित समयावधि होनी चाहिए।
वेणुगोपाल ने कहा कि वह इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख (आठ अप्रैल) तक अपना बयान देंगे। इस बीच, एक अन्य मामले में खंड पीठ ने कहा कि वह पुराने लंबित मामलों की संख्या कम करने के लिए तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए दिशानिर्देश जारी करेगा।