हल्द्वानी: 31 मई तक तीन लाख पशुओं का होगा कृत्रिम गर्भाधान

हल्द्वानी, अमृत विचार। पशुपालन विभाग की ओर से हल्द्वानी में पशुओं की नस्ल सुधार और दुग्ध उत्पादन में वृद्धि को लेकर पशु चिकित्सा अधिकारियों की कार्यशाला आयोजित हुई। कृत्रिम गर्भाधान रिफ्रेशन ट्रेनिंग कार्यक्रम के दौरान कृत्रिम गर्भाधान योजना के विषय में अवगत कराया गया। इस दौरान पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. केके जोशी ने कहा …
हल्द्वानी, अमृत विचार। पशुपालन विभाग की ओर से हल्द्वानी में पशुओं की नस्ल सुधार और दुग्ध उत्पादन में वृद्धि को लेकर पशु चिकित्सा अधिकारियों की कार्यशाला आयोजित हुई। कृत्रिम गर्भाधान रिफ्रेशन ट्रेनिंग कार्यक्रम के दौरान कृत्रिम गर्भाधान योजना के विषय में अवगत कराया गया। इस दौरान पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. केके जोशी ने कहा कि इस योजना के तहत कुमाऊं मंडल में अभी तक करीब 1.68 लाख पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान किया गया है, लेकिन दूसरे चरण में तीन लाख पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान करने का लक्ष्य रखा गया है।
निदेशक डॉ. जोशी ने कहा कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत स्वदेशी नस्ल के पशुओं में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 27 लाख गाय-भैंस, 2.60 लाख भेड़ और 14 लाख बकरी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पशुपालन विभाग की ओर से गाय-भैंसों में टैग लगाया जा रहा है। भारत सरकार की ओर से बनाए गए इंफॉर्मेशन नेटवर्क फॉर एनिमल प्रोडेक्टीविटी एंड हेल्थ पोर्टल में टैग के 12 डिजिट का कोड डाला जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल में अभी कृत्रिम गर्भाधान और वैक्सीनेशन ही अंकित किया गया है लेकिन बाद में इसमें चिकित्सा आदि चीजों को भी सम्मिलित किया जाएगा।
इसके साथ ही यह पोर्टल पशपालकों के लिए फूल प्रूफ रिकार्ड के तौर पर भी होगा। इसके साथ ही इस योजना के तहत पशुपालकों को नुकसान होने पर एक लाख पशुओं का बीमा कराने का लक्ष्य भी रखा गया है। इस दौरान पशुपालन विभाग के अपर निदेशक डॉ. बीसी कर्नाटक, परियोजना निदेशक डॉ. एचसी जोशी, अनुज कुमार अग्रवाल, पशु चिकित्साधिकारी डॉ. डीसी जोशी, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एमसी जोशी, डॉ. कविता धीमान समेत कुमाऊं मंडल के 120 पशु चिकित्साधिकारी मौजूद रहे।