बरेली: नैक मूल्यांकन प्रक्रिया में शामिल नहीं 95 फीसद कॉलेज

बरेली, अमृत विचार। नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। संस्थानों की गुणवत्ता के लिए नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) मूल्यांकन होता है लेकिन रुहेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध करीब 95 फीसदी महाविद्यालय नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया में ही शामिल नहीं हुए …
बरेली, अमृत विचार। नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। संस्थानों की गुणवत्ता के लिए नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) मूल्यांकन होता है लेकिन रुहेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध करीब 95 फीसदी महाविद्यालय नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया में ही शामिल नहीं हुए हैं।
विश्वविद्यालय से संबद्ध 650 महाविद्यालयों में से सिर्फ 20 ही नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया में शामिल हुए हैं। कुछ शामिल भी हुए तो उन्होंने दोबारा मूल्यांकन नहीं कराया है। प्रदेश के विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों का भी यही हाल है। शासन के आदेश पर क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी ने सभी महाविद्यालयों को नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया में शामिल होने के निर्देश दिए हैं।
शासन ने सितंबर 2020 में सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को नैक मूल्यांकन प्रक्रिया से गुजरने के आदेश दिए थे। उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता से ही छात्रों का भविष्य निर्धारित होता है। उस दौरान एक रिपोर्ट भी तैयार की गई थी जिसके तहत प्रदेश में सिर्फ 6 राज्य विश्वविद्यालय, 9 निजी विश्वविद्यालय, 29 राजकीय महाविद्यालय, 71 सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय और 77 स्ववित्त पोषित महाविद्यालय नैक से मूल्यांकित हैं।
ऐसे में सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों का मूल्यांकन कराया जाए। राज्य विश्वविद्यालयों ने दिसंबर 2020 तक 180 महाविद्यालयों और मार्च 2021 तक 239 महाविद्यालयों में नैक मूल्यांकन कराया जाना था लेकिन अधिकांश महाविद्यालय प्रक्रिया में शामिल ही नहीं हुए। चार महीने बाद भी कार्रवाई न होने पर शासन ने नाराजगी जताई है।
29 जनवरी को संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा हिरेंद्र प्रताप सिंह ने सितंबर 2020 में जारी किए गए दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन कराने के आदेश दिए हैं। उन्होंने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को 3 फरवरी तक सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को वार्षिक लक्ष्य निर्धारित करने और इसकी सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डा. राजेश प्रकाश ने बताया कि नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया तीन फेज में होती है। बरेली और मुरादाबाद रेंज में अभी तक कुल 20 महाविद्यालय ही इस प्रक्रिया में शामिल हुए हैं। कुछ का मूल्यांकन हो चुका है। कुछ का दोबारा होना है और कुछ पहली बार इसकी तैयारी कर रहे हैं। शासन के निर्देशों का पालन कराने के लिए सभी महाविद्यालयों को निर्देश जारी किए जाएंगे।
रुविवि का दोबारा नहीं हो सका मूल्यांकन
रुहेलखंड विश्वविद्यालय में भी दोबारा नैक मूल्यांकन होना है। इसे लेकर विश्वविद्यालय लंबे समय से तैयारी कर रहा है। कुलपति प्रो. केपी सिंह ने नैक मूल्यांकन में ए प्लस ग्रेड पाने का लक्ष्य दिया है लेकिन कार्रवाई पूरी न होने की वजह से अभी तक नैक मूल्यांकन के लिए टीम को नहीं बुलाया जा सका है। बरेली कॉलेज को नैक मूल्यांकन में ए प्लस प्लस ग्रेड मिला था लेकिन उसके बाद से मूल्यांकन नहीं हो सका है। कुछ दिनों पहले इस संबंध में बरेली कॉलेज में बैठक भी हुई थी लेकिन तैयारियां न होने की वजह से इसे 6 महीने के लिए टाल दिया गया था। यही हाल कई अन्य महाविद्यालयों का भी है।
सिर्फ ये महाविद्यालय शामिल
क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी के मुताबिक, रानी अवंतीबाई महिला महाविद्यालय, राजकीय महाविद्यालय आंवला का नैक मूल्यांकन हो चुका है। विश्वविद्यालय, बरेली कॉलेज, आरपी डिग्री कॉलेज मीरगंज, जीएफ कॉलेज शाहजहांपुर व अन्य का दोबारा मूल्यांकन होना है। वहीं, गन्ना उत्पादक महाविद्यालय, बहेड़ी, कन्या भ्रूण महाविद्यालय, बिलासपुर महाविद्यालय व अन्य ने पहले चरण की तैयारी पूरी कर ली है। जल्द ही इनका मूल्यांकन होगा।