बरेली: जीएसटी चोरी- शिकंजा कसने को आरएफआइडी टैग से होगी आनलाइन चेकिंग

अमृत विचार, बरेली। ओवरलोडिंग वाहनों पर सख्ती करने के लिए सरकार ने भले ही परिवहन विभाग और वाणिज्यकर विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी हो, लेकिन सांठगांठ से चल रहे वसूली के खेल में इस पर प्रभावी अंकुश अब तक नहीं लग सका। अनलॉक में व्यापारियों ने विभाग की गतिविधियां रुकने पर इसका सबसे अधिक फायदा …
अमृत विचार, बरेली। ओवरलोडिंग वाहनों पर सख्ती करने के लिए सरकार ने भले ही परिवहन विभाग और वाणिज्यकर विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी हो, लेकिन सांठगांठ से चल रहे वसूली के खेल में इस पर प्रभावी अंकुश अब तक नहीं लग सका। अनलॉक में व्यापारियों ने विभाग की गतिविधियां रुकने पर इसका सबसे अधिक फायदा उठाया। इसको लेकर खूब शिकायतें हुई, लेनेदेन के आरोप तो अक्सर लगते हैं। इसकी रोकथाम को लेकर शासन ने कड़ी रणनीति बनाई है।
जीएसटी के दायरे में आने वाले सामानों को ढोने वालों ट्रांसपोर्टरों को ट्रकों पर आरएफ (रेडियो फ्रीक्वेंसी) आईडी टैग लगवाना जरूरी कर दिया है। यह टैग फास्टैग की तर्ज पर काम करता है। फास्टैग में टोल प्जाला पर टोल टैक्स आटोमैटिक कट जाता है। इसी तरह यह टैग लगा होने पर टोल या जिले की सीमा पार करते ही ट्रक का ब्योरा एक रेडियो फ्रीक्वेंसी टॉवर के माध्यम से वाणिज्यकर विभाग के लखनऊ स्थित सर्वर पर आटोमैटिक दर्ज हो जाएगा, जिसमें ट्रक नंबर,उस नंबर पर ताजा बने ईवे बिल का पूरा ब्योरा मिल जाएगा।
अगर 24 घंटे की अवधि में ट्रक जिले की सीमा या टोल से दो या तीन बार गुजरता है, तो उसका ब्योरा भी आएगा। इससे ये पता चल सकेगा कि ट्रक में किस-किस ई-वे बिल का माल कहां कहां गया। जानकारों का कहना है अगर प्रभावी तरीके से यह व्यवस्था लागू हुई, तो ओवरलोडिंग पर काफी हद तक लगाम लगेगी साथ ही ट्रांसपोर्टर्स में भी जुर्माने का डर बना रहेगा।
आरएफआईडी टैग की अनिवायर्ता इसलिए भी जरूरी
बताया जाता है सरकार की सुविधाओं का व्यापारी गलत तरीके से फायदा उठा रहे हैं। वह विभाग को टैक्स जमा करने के बजाए उसकी चोरी कर रहे हैं। अनलाक में इसका सबसे अधिक फायदा उठाया। इसलिए अब जिम्मेदार किसी भी तरह से टैक्स चोरी नहीं होने देना चाहते। अब अगर कोई ट्रांसपोर्टर इस तरह की गलती करता है और प्रवर्तन दल द्वारा पकड़ा जाता है, तो उसपर जुर्माना लगाया जाएगा। पहली बार दो हजार रुपये और बार-बार पकड़े जाने पर 25 हजार रुपये तक का जुर्माना वसूला जाएगा।
टैग बताएगा, ट्रक कहां से आया और कहां गया
ईवे बिल में रोजाना 200 किमी के सफर की सुविधा मिलने पर कई ट्रक मालिक एक ई वे बिल पर दिन भर में दो से तीन चक्कर लगा रहे थे, जिससे बड़े पैमाने पर कर चोरी हो रही थी। यानी सुबह आठ बजे एक ईवे बिल बनाया गया और दिल्ली, आगरा, मथुरा, हाथरस, पीलीभीत, बदायूं जैसे के आसपास के शहरों से ट्रक वाले दो-दो चक्कर लगा रहे थे। इसकी मानीटरिंग होती रही। इसके बाद प्रदेश में कई जगह आरएफ आईडी टैग लगवाए गए।
बताया जाता है इस टैग में एक सेंसर होता है, जिसे रेडियो फ्रीक्वेंसी टॉवर रीड कर लेता है। मतलब एक ट्रक बुधवार सुबह आठ बजे शाहजहांपुर के नाम से 90 किमी का ईवे बिल बनाया तो ये बिल बुधवार सुबह आठ बजे तक चलेगा। इस अवधि में ट्रक शाहजहांपुर के तीन चक्कर लगा देता है।
अब आरएफ आईडी लगा होने पर शाहजहांपुर की सीमा से बाहर जाते ही है ट्रक में लगे आरएफआईडी को जिले की सीमा या टोल प्लाजा पर रेडियो फ्रीक्वेंसी टॉवर रीड कर लेगा। इस रीडिंग में ट्रक के बाहर जाने का समय, ट्रक नंबर, उस ट्रक नंबर पर बने ताजा ईवे बिल को भी ढूंढ लेगा। पूरी सूचना वाणिज्य कर विभाग के लखनऊ स्थित सर्वर पर पहुंचेगी। वहां से सूचना तत्काल स्थानीय एसआईबी टीम को मिलेगी।
तीन हजार वाहनों पर लगना है टैग
एक अनुमान के मुताबिक जिले में करीब तीन हजार छोटे-बड़े ट्रक हैं। इनमें बमुश्किल तीन सौ ट्रकों पर ही आरएफ (रेडियो फ्रीक्वेंसी) आईडी टैग लगा है। अब शासन से हुई सख्ती के बाद फिर से ट्रांसपोर्टरों को इसकी अनिवायर्ता बताकर टैग लगवाने के लिए कहा गया है। अधिकारियों के अलावा ट्रांसपोर्टस का भी मानना है। टैग लगने से काफी हद तक टैक्स चोरी पर लगाम लग सकेगी।
इनकी सुनें-
ट्रांसपोर्टर्र एसोसिएशन के अध्यक्ष शोभित सक्सेना ने बताया जीएसटी चोरी पर लगाम लगाने के लिए सरकार की यह व्यवस्था काफी हद तक ठीक है। इसका लेकर पिछले दिनों बहेड़ी में कैंप लगाया गया था। जिसमें करीब 200 ट्रकों में टैग लगाए गए। बाद में जिम्मेदारों की तरफ से ढील पड़ते ही बाकी ट्रांसपोर्टरों ने टैग नहीं लगवाया।
अब सरकार की सख्ती पर इनको भी जल्द टैग लगवाना होगा। इसका सरकारी रेट लगभग 85 रुपये है, जो एक बार ट्रक पर लगाने के बाद हमेशा के लिए बना रहेगा, बशर्ते कि वह टैग से छेड़छाड़ न हो। जिस शीशे पर उसे लगाया गया है, वह न टूटे। टैग लगवाने की सुविधा गभाना टोल प्लाजा पर मिलेगी।
टैक्स चोरी रोकने में मददगार होगा टैगिंग सिस्टम
अभी तक काराबोरी व ट्रांसपोर्टर आपस में मिल पर ई-वेबिल का दुरुपयोग कर टैक्स की चोरी कर रहे थे। इस सिस्टम के लागू होने पर ई-वेबिल का दुरुपयोग नहीं हो सकेगा। जिससे दूसरे प्रांतों को जाने वाले और आने वाले माल पर टैक्स चोरी पर अंकुश लग जाएगा। गौरीशंकर, डिप्टी कमिश्नर, वाणिज्यकर विभाग