लखीमपुर खीरी: लाखों खर्च फिर भी अधूरे अमृत सरोवर, जिम्मेदारों की नींद अब भी नहीं टूटी

लखीमपुर खीरी: लाखों खर्च फिर भी अधूरे अमृत सरोवर, जिम्मेदारों की नींद अब भी नहीं टूटी

धीरज सोनी, अमृत विचारः शासन की अमृत सरोवर योजना के तहत पुराने तालाबों के जीर्णोद्धार के जरिए उन्हें जल संचयन के साथ रोजगारपरक बनाने की महत्वाकांक्षी योजना धूल फांक रही हैं। जीव-जंतु, पशु-पक्षी प्यासे भटक रहे हैं। ग्रामीण स्तर पर उत्पन्न होने वाले जल संकट को दूर करने के साथ मत्स्य पालन और मवेशियों के पीने के पानी की व्यवस्था होनी थी।

प्रशासनिक स्तर पर जिम्मेदारों की अनदेखी कहा जाए या बजट की कमी अब तक यह महत्वाकांक्षी योजना ठंडे बस्ते में है। दिन पर दिन बढ़ते तापमान के साथ तालाब, पोखर सूखने लगे हैं। ऐसे में बेजुबान पशु-पक्षियों के आगे प्यास बुझाने का संकट है।

ब्लॉक बिजुआ क्षेत्र में अमृत सरोवरों की मंशा धूमिल दिख रही है। लाखों रुपये खर्चकर दो वर्षों में अधिकांश अमृत सरोवरों के पास सिलापट बोर्ड और तिरंगा फहराने का स्थान ही तैयार है। जहां पर बीते दो वर्षों से 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अमृत महोत्सव मनाया गया।

अमृतसर सरोवरों को दो साल बाद भी पूरा नहीं किया जा सका है। जल संचयन को बढ़ावा देने और तालाबों को खूबसूरती प्रदान करने के लक्ष्य लेकर शुरू की गई अमृत सरोवर योजना विकास खंड बिजुआ में पीछे दिखाई दे रही है, जहां जमीनी हकीकत कागजों से काफी जुदा है।

ब्लॉक क्षेत्र में अमृत सरोवर बनाने के मामले में पहला पायदान हासिल हो गया परंतु दो वर्ष बाद भी आज तक कई जगहों अमृत सरोवरों की खुदाई तक शुरू नहीं हुई है। जहां अमृत सरोवर बनाए गए वहां पर मानकों के मुताबिक काम भी अधूरा है।

किसी भी ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर को निर्मल रखने की व्यवस्था नहीं
ब्लॉक क्षेत्र की किसी भी ग्राम पंचायत के अमृत सरोवर में दूषित पानी को अमृत सरोवर में जाने से रोकने और इसे निर्मल बनाए रखने की व्यवस्था नहीं है। अमृत सरोवरों पर बंधा बनाने का काम अधूरा है। वर्षाजल संचित कर भूगर्भ जलस्तर संवारने एवं गांव को जलसंपदा में आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत सरकार ने गाइड लाइन जारी की है।

इसमें वर्षाजल को स्वच्छ कर भेजने, बाहरी दूषित पानी को आने से रोकने समेत गर्मी के दिनों में सूखने से बचाने के लिए इसे भरने में भूगर्भ जल का प्रयोग न करने, इसके आसपास सुंदरता बिखेरने के निर्देश हैं। यह सब आदेश-निर्देश ब्लॉक बिजुआ क्षेत्र के अमृत सरोवरों पर नहीं दिखते। यहां लगे सूचना बोर्ड पर अमृत सरोवर का महज नाम लिखा है।

इसके अलावा इसका निर्माण शुरू होने, कार्य पूरा होने व अनुमानित लागत समेत लंबाई-चैड़ाई तक का जिक्र नहीं किया गया है। तालाबों की खुदाई मनरेगा मजदूरों से होनी है जो बारिश के बाद से ठप हो जाएगी। पिछले दो वर्षों से झंडारोहण के लिए चबूतरा बनाने के अलावा कोई पक्का काम नहीं हुआ है। अमृत सरोवरों पर कहीं कहीं अभी 10 प्रतिशत भी काम नहीं हो सका है।

जलकुंभी से पटा मूड़ा खुर्द का अमृत सरोवर
ग्राम पंचायत मूड़ा खुर्द के ग्रामीण पप्पू, राकेश, शंभू दयाल, राजेश आदि ने बताया कि सुना था कि तालाबों के पास हरियाली ऑक्सीजन वाहक पेड़ लगाए जाएंगे। तालाब को सुंदर बनाया जाएगा लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी मूड़ा खुर्द के अमृत सरोवर में जलकुंभी के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है। आज तक इस दिशा में किसी ने भी कोई कदम नहीं उठाया है।

गर्मियों में पूरी तरह सूख जाता है भदेड़ का अमृत सरोवर
ग्राम पंचायत भदेड़ के ग्रामीण संजय कुमार, सुशील, विनोद, दीपक, पप्पू आदि ने बताया कि यह अमृत सरोवर गर्मियों में पूरी तरह सूख जाता है बच्चे इसमें क्रिकेट खेलते हैं। अमृत सरोवर का नाम देकर वाहवाही लूट ली लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। अमृत सरोवर बनने में पता नहीं अभी और कितना समय लगेगा।

सौंदर्यीकरण की राह देख रहा दरियाबाद का अमृत सरोवर
ग्राम पंचायत दरियाबाद के ग्रामीण नत्थूलाल, प्रमोद कुमार, पंकज आदि ने बताया कि तालाब के किनारे दो वर्षों में स्वतंत्रता दिवस पर केवल झंडारोहण किया गया, बाद में कोई भी यहां झांकने तक नहीं आया। यह कैसा अमृत सरोवर है। शायद अधिकारी इस तालाब को अमृत सरोवर नाम देकर भूल गए हैं।

नाम अमृत सरोवर, शिलापट के अलावा कुछ भी नहीं
ग्राम पंचायत अंबारा के ग्रामीण, राहुल, राजकुमार, अमर सिंह आदि ने बताया कि तालाब पर अमृत सरोवर का शिलापट लगने के बाद उम्मीद जगी थी कि तालाब को नया स्वरूप मिलेगा, जिससे यह और खूबसूरत नजर आएगा। लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी इसे लेकर कोई भी गंभीर नहीं है। यहां 

शासन के मंशा के अनुसार जिले में अमृत सरोवर तैयार हो चुके हैं। इन तालाबों के जरिये न सिर्फ भूमिगत जलस्तर में सुधार हो रहा है, बल्कि किसानों को भी लाभ पहुंच रहा है। कुछ ब्लाकों की ग्राम पंचायतों से अमृत सरोवर सूखने और जिम्मेदारों द्वारा ध्यान न दिए जाने की शिकायत मिली है। शिकायतों के साथ ही जांच कराकर दुर्दशाग्रस्त अमृत सरोवरों की सूची तैयार कराई जा रही है। जल्द ही इन्हें दुरुस्त कराने के साथ ही लापरवाही मिलने पर संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी- अभिषेक कुमार, सीडीओ

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