बेटों पर लादे फर्जी मुकदमे, बर्बाद कर दी जिंदगी; कानपुर के नजीराबाद पुलिस की फर्जी मुठभेड़ के शिकारों की कहानी... 

बेटों पर लादे फर्जी मुकदमे, बर्बाद कर दी जिंदगी; कानपुर के नजीराबाद पुलिस की फर्जी मुठभेड़ के शिकारों की कहानी... 

कानपुर, अमृत विचार। नजीराबाद पुलिस की फर्जी मुठभेड़ की कहानी की पोल खोलते हुए कोर्ट ने गुरुवार को कल्याणपुर सीटीएस बस्ती निवासी चंदन के पुत्र कुंदन और अमित को कोर्ट ने बरी कर दिया था। नजीराबाद पुलिस ने आरोपियों पर जिस तमंचे से फायरिंग करने का आरोप लगाया था वह तमंचा दूसरे केस में मालखाने में बंद था। कोर्ट ने फर्जी मुठभेड़ करार देते हुए नजीराबाद के तत्कालीन इंस्पेक्टर और मुठभेड़ में शामिल टीम पर रिपोर्ट दर्ज कर उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे।

सीटीएस बस्ती में रहने वाले चंदन सिंह ने कहा कि परिवार को इंसाफ मिलना चाहिए। बेटों पर जबरन आठ फर्जी मुकदमे दर्ज कर दिए गए। उन लोगों की जिंदगी बदतर हो गई। बहू बच्चे सब चले गए। दंपति खाने को मोहताज हो गए। जब बेटों ने कोई गुनाह किया ही नहीं तो इसकी इतनी बड़ी सजा कैसे दे दी गई। 

बता दें कि 2020 में अर्मापुर थाने में नजीराबाद थाना प्रभारी निरीक्षक ज्ञान सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि गश्त के दौरान रोकने पर बदमाशों ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में एक बदमाश के पैर में गोली लगी। बदमाशों की शिनाख्त कल्याणपुर सीटीएस कच्ची बस्ती निवासी अमित और कुंदन के रूप में हुई। 

इस मामले में गुरुवार को अपर जिला जज 21 विनय सिंह की कोर्ट ने दोनों को बरी कर दिया था। अदालत ने कहा था कि पूरा घटनाक्रम संदिग्ध है। पुलिस टीम के खिलाफ रिपोर्ट और उच्चस्तरीय विस्तृत जांच कराकर तीन माह में इसकी रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करें। 

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