Kanpur में पुलिस टीम पर FIR: मालखाने में बंद तमंचे से दिखा दी फायरिंग, मुठभेड़ की कहानी कोर्ट में साबित हुई झूठी, उच्चस्तरीय जांच के आदेश

कानपुर, अमृत विचार। 13 साल पहले बरामद जिस तमंचे से पुलिस मुठभेड़ दिखाई गई, वह दूसरे मामले में मालखाने में बंद था। पुलिस ने उसी तमंचे से फायरिंग दिखा दी। अपर जिलाजज 21 विनय सिंह की कोर्ट में चोरी का माल बरामद और मुठभेड़ में दो लोगों के घायल होने का मुकदमा नहीं ठहर सका। अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया। कोर्ट ने निर्देशित किया कि नजीराबाद इंस्पेक्टर ज्ञान सिंह समेत पूरी टीम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना की जाए। 2020 में हुई यह मुठभेड़ संदिग्ध है।
अर्मापुर थाने में तत्कालीन नजीराबाद थाना प्रभारी निरीक्षक ज्ञान सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कहा था कि वह दरोगा सुरजीत सिंह, सिपाही बाल मुकुंद पटेल, हेड कांस्टेबल ब्रजेश कुमार, जीप चालक अमित कुमार के साथ 21 अक्टूबर 2020 को गश्त पर थे। वाहन चेकिंग के दौरान एक बाइक पर सवार दो लोगों को रोका गया तो दोनों भागने लगे। पीछा किया गया। अर्मापुर स्टेट गेट के पास अर्मापुर प्रभारी निरीक्षक अजीत कुमार वर्मा और नजीराबाद प्रभारी ने बदमाशों को घेर लिया तो बदमाशों ने तमंचे से फायरिंग कर दी।
जवाब में प्रभारियों ने फायर किया तो दोनों बदमाशों के दाहिने पैर के घुटने के नीचे गोली लगी। दोनों ने अपना नाम कल्याणपुर सीटीएस कच्ची बस्ती निवासी अमित और कुंदन बताया। दोनों के पास से दो चेन, एक हजार रुपये, तमंचा बरामद हुआ। बताया कि चेन नजीराबाद क्षेत्र से लूटी थी। अदालत ने कहा है कि पूरा घटनाक्रम संदिग्ध है। पुलिस टीम के खिलाफ उच्च स्तरीय और विस्तृत जांच आवश्यक है। आदेश की सत्यापित प्रतिलिपि पुलिस आयुक्त को भेजी जाए। उच्च स्तरीय जांच कराकर तीन माह में इसकी रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करें।