बदायूं: बजट के बाद भी किसानों को नहीं मिल रहा हक, सांसद धर्मेंद्र यादव ने सरकार को घेरा

बदायूं, अमृत विचार: समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक, लोक लेखा समिति के सदस्य व आजमगढ़ सांसद धर्मेंद्र यादव ने संसद में बजट पर चर्चा के दौरान सरकार के सामने किसानों की समस्याओं और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू न करने पर सरकार को घेरा।
उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में संकल्प पत्र में भाजपा नेताओं ने कहा कि स्वामीनाथन की सिफारिश और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह की मंशा के अनुरूप किसान की कुल लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य दिया जाएगा। बजट के पेश होने के बाद भी किसानों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है।
2016 में प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि जब 2022 में भारत अमृतकाल में प्रवेश करेगा तब किसानों की आय दोगुनी कर दी जाएगी, लेकिन किसानों के उपयोग में आने वाली खाद, बीज, कीटनाशक दवा, कृषि उपकरण और डीजल जैसी आवश्यक चीजों की कीमत आसमान छू रही हैं।
किसानों के हालात ऐसे हैं कि अगर खेती के लिए वो कर्ज न लें तो खेती के लिए आवश्यक चीजें भी न जुटा पाएं। स्वामीनाथन की सिफारिश के अनुसार अगर किसानों की आमदनी बढ़ानी है तो भारत मे 43 हजार मंडियों का निर्माण कराना होगा, जबकि अभी सिर्फ सात हजार मंडियां ही चल रही हैं। जबसे भाजपा सरकार आई है तब सिर्फ बड़े बड़े व्यापारियों द्वारा बड़ी-बड़ी मंडियां बना ली हैं। इससे किसानों का शोषण बढ़ गया है।
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