Kanpur: वरासत के 261 मामले लंबित, जिलाधिकारी ने 15 लेखपालों पर की कार्रवाई; एक लेखपाल को नोटिस, तीन पर प्रतिकूल प्रविष्टि की संस्तुति

कानपुर, अमृत विचार। निर्विवाद उत्तराधिकार वरासत का जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने 23 अधिकारियों से सत्यापन कराया तो चारों तहसीलों में नतीजे बेहद खराब आए। छह माह से लेखपालों ने वरासत में कोई काम ही नहीं किया। कुल 454 मामलों में 261 ऐसे मिले, जिनमें लेखपालों ने कार्रवाई ही नहीं की। जिलाधिकारी ने बिल्हौर, सदर व नर्वल तहसील के 11 लेखपालों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही, घाटमपुर के तीन लेखपालों पर प्रतिकूल प्रविष्टि की संस्तुति की है। वहीं नर्वल के एक लेखपाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
जिलाधिकारी ने मंगलवार को सीएम डैशबोर्ड की समीक्षा बैठक मे निर्विवाद उत्तराधिकार वरासत के लंबित मामलों पर जिम्मेदारों को अनुशासनात्मक व दंडात्मक कर्रवाई से आगाह किया था। बुधवार को जिले की चारों तहसीलों में उत्तराधिकार वरासत के कैंप लगे। बिल्हौर, नर्वल, घाटमपुर और सदर तहसील के नामित एडीएम, सभी एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने वरासत के मामलों का खुली बैठक में सत्यापन किया तो लंबित मामलों के आंकड़े चौकाने वाले आए।
बिल्हौर तहसील के खेरवा में अकेले 39 मामले वरासत के लंबित मिले। 33 लंबित मामलों के साथ सदर तहसील का दूल क्षेत्र दूसरे नंबर पर रहा। बिल्हौर के अहमदपुर नदिहा में 19 व रायपुर नदिहा में 15 लंबित मामले सामने आए। सबसे खराब हालत बिल्हौर तहसील क्षेत्र की रही। जिलाधिकारी ने एक दिन पहले ही समीक्षा बैठक में कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी और शाम पांच बजे तक खुली बैठक की रिपोर्ट मांगी थी। वरासत के लंबित मामलों पर जिलाधिकारी ने संबंधित 15 लेखपालों के खिलाफ कार्रवाई की है।
इन लेखपालों पर कार्रवाई
बिल्हौर के जितेंद्र यादव, आकाश गुप्ता, सर्वेश यादव, सुधांशु और सदर तहसील के मानिक लाल गुप्ता, बृजेश शाक्य, विवेक कुमार, रोहित शुक्ला, दीपक वर्मा, हिमांशु वर्मा के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की गई है। वहीं घाटमपुर के राम खिलावन भारती, राज कमल, निशि चौरसिया के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि और नर्वल के विवेक कमल पर विभागीय कार्यवाही की संस्तुति व आलोक अवस्थी को
कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
261 मामले लंबित मिले, इनमें लेखपालों ने कोई कार्रवाई तक नहीं • की थी। जबकि मृत्यु के बाद 15 दिन में निर्विवाद उत्तराधिकार का नाम दर्ज कराना और वारिश को खतौनी की एक कॉपी निशुल्क देना है। लेखपालों की लापरवाही पर कार्रवाई की गई है। - जितेंद्र प्रताप सिंह, जिलाधिकारी
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