Bareilly: राम-सीता के विवाह के बाद कैकई ने मांगा राम का वनवास

बरेली, अमृत विचार। श्री रामलीला सभा की ओर से बमनपुरी में 165 वीं रामलीला में शनिवार को भगवान राम और सीता के विवाह, रानी कैकई दशरथ संवाद, कैकई भरत संवाद और श्रीराम के वनवास की लीला का मंचन किया गया।
गुरु व्यास मुनेश्वर महाराज ने रामलीला में बताया कि राजा दशरथ जनकपुरी पहुंचे और उनकी उपस्थिति में श्रीराम और सीता का विवाह मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हुआ। इसके बाद राजा दशरथ राम के राज्य तिलक की तैयारी में जुट जाते हैं। यह समाचार सुनकर प्रजा और परिवार में हर्ष की लहर थी लेकिन दासी मंथरा ने रानी कैकेयी से कहा कि राम राजा बने तो भरत उनके दास हो जाएंगे और उन्हें स्वयं कौशल्या की दासी बनना पड़ेगा। मंथरा ने कैकेयी से कहा कि यदि वह राजा दशरथ से मिले और दो वर आज मांग ले तो यह समस्या समाप्त हो सकती है।
रानी कैकई कोप भवन में जाकर बैठ गईं। जब राजा दशरथ उनसे मिलने पहुंचे तो कैकई ने राम को वनवास और भरत को राजा बनाने की मांग रख दी। दशरथ ने रानी को समझाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन अंत में भरे मन से उन्होंने राम को वन जाने की अनुमति दे दी। जब भरत अपनी ननिहाल से लौटते हैं तो उन्हें इसकी जानकारी होती है। इस पर उनका कैकई के साथ संवाद होता है।
मंचन के दौरान एलईडी स्क्रीन पर ग्राॅफिक्स के जरिए दृश्यों को जीवांत रूप देने की कोशिश की गई। समिति के प्रवक्ता विशाल मेहरोत्रा ने बताया कि कल निषाद गंगा घाट की शोभायात्रा क्षेत्र में निकाली जाएगी। केवट संवाद की लीला का मंचन साहूकारा में तुलसी गली में होगा। इस दौरान सर्वेश रस्तोगी, अध्यक्ष राजू मिश्रा, महामंत्री सुनील रस्तोगी, दिनेश दद्दा, कोषाध्यक्ष राज कुमार गुप्ता, पार्षद नरेंद्र सिंह धामी, लीला प्रभारी अखिलेश अग्रवाल, विवेक शर्मा, सत्येंद्र पांडेय, नीरज रस्तोगी आदि शामिल रहे।