संभल : उपभोक्ता आयोग के आदेश का पालन न करने पर भेजा जेल
बार-बार कहने के बावजूद भूमि कारोबारी ने न तो कब्जा दिया और न ही रुपये वापस किए

बहजोई, अमृत विचार। महिला के रुपये वापस करने के उपभोक्ता आयोग के आदेश को न मानना भूमि कारोबारी को भारी पड़ गया। गैर जमानती वारंट पर हयातनगर पुलिस द्वारा पेश किए गए भूमि कारोबारी को उपभोक्ता आयोग ने 20 फरवरी तक के लिए जेल भेज दिया। यह उपभोक्ता आयोग के आदेश का पहला मामला है, जब किसी भी व्यक्ति को आदेश का पालन न करने पर जेल भेजा गया है।
बहजोई निवासी महिला उपभोक्ता मिथिलेश ने वर्ष 2011 में भूमि कारोबारी सूरजभान निवासी हयातनगर से एक प्लांट 65000 रुपये में लिया था। सूरजभान ने 100 रुपये के स्टांप पर प्लॉट को लेकर लिखापढ़ी की लेकिन उसका बैनामा नहीं कराया और न ही कब्जा दिया। बार-बार कहने के बावजूद भूमि कारोबारी ने न तो कब्जा दिया और न ही रुपये वापस किए। इसके बाद में महिला उपभोक्ता आयोग के मामलों की विशेषज्ञ अधिवक्ता लवमोहन वार्ष्णेय के पास पहुंची। इसमें परिवाद दर्ज किया गया था। जिसमें उपभोक्ता आयोग ने महिला की 65000 की धनराशि 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित 2 महीने में अदा करने अथवा प्लाट का बैनामा महिला के नाम करने, 50000 रुपये मानसिक कष्ट व आर्थिक हानि के रूप में 5000 रुपये अदा करने का आदेश दिया था लेकिन भूमि कारोबारी ने यह नहीं किया। वह उपभोक्ता आयोग में तारीखों पर पेश भी नहीं हुआ। जिस पर उपभोक्ता आयोग ने भूमि कारोबारी के गैर जमानती वारंट जारी किए थे। हयातनगर पुलिस ने भूमि कारोबारी को गिरफ्तार कर उपभोक्ता आयोग में पेश किया। जिसे लेकर आयोग से समय की मांग की तो आयोग ने उसे 20 फरवरी तक जेल भेज दिया। अधिवक्ता लव मोहन वार्ष्णेय ने बताया कि उपभोक्ता आयोग का आदेश का पालन न करने पर पहला मामला है जबकि भूमि कारोबारी को जेल भेजा गया है।
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