World Cancer Day: खड़े होने पर कम, लेटने पर ज्यादा सांस फूले तो दिल गंभीर, दिल के कैंसर का हो सकता है यह संकेत, सचेत रहना जरूरी
कॉर्डियोलॉजी में प्रतिमाह चार से पांच मरीज दिल के कैंसर के आ रहे

कानपुर, (विकास कुमार)। अधिकांश लोगों ने मुंह, गले, पेट, सवाईकल, ब्लड या ब्रेस्ट समेत शरीर के अन्य अंग में होने वाले कैंसरों के बारे में सुना है, लेकिन आपको यह जानकारी हैरानी होगी कि दिल में भी कैंसर होता है। इससे प्रभावित व्यक्ति समय पर इलाज कराता है तो वह 99 फीसदी ठीक हो जाता है। दिल के कैंसर का मुख्य लक्षण लेटने पर सांस फूलना व धड़कन बढ़ना है।
कॉर्डियोलॉजी संस्थान में दिल के कैंसर का भी इलाज किया जाता है। प्रतिमाह कॉर्डियोलॉजी में चार से पांच मरीज दिल के कैंसर से ग्रस्त पहुंच रहे हैं। दिल के कैंसर का एक मात्र उपचार वर्तमान में ऑपरेशन ही है। इसकी पहचान ईको जांच कराकर की जाती है।
दिल के अंदर कैंसर होना गंभीर बात है, लेकिन समय पर इलाज होने से व्यक्ति के ठीक होने से चांस 99 फीसदी रहती है। कॉर्डियोलॉजी के निदेशक डॉ.राकेश वर्मा ने बताया कि दिल के कैंसर में कीमो थेरेपी व रेडियोथेरेपी की जरूरत नहीं पड़ती है।
किसी भी उम्र में हो सकता दिल का कैंसर
निदेशक डॉ.राकेश वर्मा ने बताया कि दिल में एलए मिक्सोमा और आरए मिस्कोमा नामक ट्यूमर होता है। यह बाईं तरफ कॉमन देखा जाता है। मिक्सोमा हृदय का एक दुर्लभ सौम्य ट्यूमर है। मिक्सोमाटा वयस्कों में सबसे आम प्राथमिक हृदय ट्यूमर है। मिक्सोमा अन्य हृदय कक्षों में भी विकसित हो सकता है। कार्डियक मिक्सोमा किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है।
मुख्य लक्षण
डॉ. राकेश वर्मा ने बताया कि दिल की बीमारी में मरीज की सांस फूलती है। यह जानकारी सबको है। लेकिन जिनको दिल में कैंसर होता है, उनकी लेटने पर सांस फूलती है, जबकि खड़े रहने पर कम सांस फूलती है। धड़कन बढ़ जाती है और माइट्रल वॉल्व की ओपनिंग कम हो जाती है। फेफड़े में इंफेक्शन से खांसी व बलगम आता है। देर से इलाज शुरू करने पर हार्ट फेल भी हो सकता है, पूरे शरीर में सूजन और सांस फूलने की समस्या बढ़ती है। दिल में दर्द भी उठता है।