Makar Sankranti 2025 : 14 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति, सूर्यदेव शनि के स्वामित्व वाली मकर राशि में करेंगे प्रवेश
मुरादाबाद। इस साल सूर्यदेव 14 जनवरी को 8:54 मिनट पर अपने पुत्र शनि की स्वामित्व वाली मकर राशि में आ रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार जब सूर्य धनु राशि की अपनी यात्रा को समाप्त करते हुए मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन से सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में आ जाते हैं। उत्तरायण को देवता का दिन कहा जाता है। इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी को सर्वत्र मनाई जाएगी।
ज्योतिषाचार्य पंडित केदार मुरारी ने बताया कि इस वर्ष मकर संक्रांति पर खास तरह के शुभ संयोग बन रहे हैं। शुभ संयोग होने से मकर संक्रांति पर दान, स्नान और जप करने का महत्व बढ़ जाता है। इस साल मकर संक्रांति पर पुष्य नक्षत्र रहेगा। इसकी शुरुआत 14 जनवरी को सुबह 10.17 से होगी और समाप्ति 15 जनवरी को सुबह 10.28 पर होगी। पुष्य नक्षत्र के अधिपति शनि देव हैं, वहीं मकर संक्रांति भी शनि देव को समर्पित है। उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति पर खरमास भी समाप्त हो रहे हैं, ऐसे में पुष्य नक्षत्र के दिन खरीदारी, मांगलिक कार्य और निवेश के लिए ये दिन बहुत शुभ रहेगा।
खिचड़ी खाने के फायदे
मकर संक्रांति के दिन प्रसाद के रूप में खाई जाने वाली खिचड़ी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। खिचड़ी से पाचन क्रिया सुचारु रूप से चलने लगती है। इसके अलावा अगर खिचड़ी मटर और अदरक मिलाकर बनाएं तो शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है साथ ही बैक्टीरिया से भी लड़ने में मदद करती है।
मकर संक्रांति से बदलता है वातावरण
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि मकर संक्रांति के बाद नदियों में वाष्पन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, जिससे कई सारी शरीर के अंदर की बीमारियां दूर हो जाती हैं। इस मौसम में तिल और गुड़ खाना काफी फायदेमंद होता है। यह शरीर को गर्म रखता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि उत्तरायण में सूर्य का ताप शीत को कम करता है।
मकर संक्रांति का महत्व
ज्योतिषाचार्य केदार मुरारी ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन गंगा और यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाकुंभ का पहला शाही स्नान इसी दिन होता है। मकर संक्रांति पर्व के दिन तिल-गुड़ और खिचड़ी खाना शुभ होता है। देश के कुछ राज्यों में यह भी मान्यता है कि चावल, दाल और खिचड़ी का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करना भी बहुत फलदायी माना जाता है। उन्होंने बताया कि महाभारत के युद्ध में भीष्म पितामह ने भी प्राण त्यागने के लिए इस समय अर्थात सूर्य के उत्तरायण होने तक प्रतीक्षा की थी।
मकर संक्रांति के दिन यह करें, मिलेगा पुण्य फल
- सूर्योदय के बाद खिचड़ी आदि बनाकर तिल के गुड़वाले लडडू प्रथम सूर्यनारायण को अर्पित करना चाहिए बाद में दान आदि करना चाहिए।
- अपने नहाने के जल में तिल डालने चाहिए।ओम नमो भगवते सूर्याय नमः या ओम सूर्याय नमः का जाप करें, आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें।
- माघ माहात्म्य का पाठ भी कल्याणकारी है। सूर्य उपासना कल्याणकारी होती है। इस दिन सूर्य को जल अवश्य अर्पित करना चाहिए।
- किसी गोशाला में हरी घास और गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें।
- अभी ठंड का समय है तो जरूरतमंद लोगों को ऊनी वस्त्र या कंबल का दान जरूर करें।
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