कानपुर में एलिवेटेड रेलवे ट्रैक में फंसा जीटी रोड का पेच: रेलवे को निर्माण कार्य के लिए जीटी रोड की इतनी जमीन की जरूरत
कानपुर, अमृत विचार। अनवरगंज से मंधना तक फर्रुखाबाद ट्रैक पर स्थित रेलवे क्रासिंगों पर लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए एलिवेटेड रेलवे ट्रैक के निर्माण में बाधक दुकानों और मकानों का हटाने का फैसला लिया जा चुका है।
अब जीटी रोड का कुछ हिस्सा भी रेलवे को चाहिए लेकिन जीटी रोड की चौड़ाई कम होने का पेच फंस गया है। एनएच पीडब्ल्यूडी ऐसा रास्ता खोजने में लगा है, जिससे जीटी रोड की चौड़ाई कम हुए बिना एलिवेटेड रेलवे ट्रैक का निर्माण सुनिश्चित किया जा सके।
अनवरगंज से मंधना तक 15.1 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड रेलवे ट्रैक का निर्माण होना है। इससे जरीब चौकी से मंधना तक पड़ने वाली 15 रेलवे क्रासिंग समाप्त हो जाएंगी। एलिवेटेड ट्रैक निर्माण के लिए रेलवे अधिकारी अपनी जमीन पर हुए निर्माण हटवाने की तैयारी कर रहे हैं। रेलवे ने गुमटी बाजार के दो दुकानदारों को नोटिस भी दिया है।
अनवरगंज से गुरुदेव क्रासिंग तक सर्वे में पाया गया है कि ट्रैक निर्माण के लिए रेलवे को अनवरगंज से गुमटी तक अपनी जमीन के अतिरिक्त कहीं 2.25 तो कहीं 2.69 मीटर जमीन और चाहिए। रेलवे की जमीन जीटी रोड के किनारे ट्रैक के साथ चहारदीवारी तक है। इस ओर अगर रेलवे जमीन लेता है तो जीटी रोड की चौड़ाई कम हो सकती है।
यहां पर है जमीन की जरूरत
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक गुमटी नंबर पांच से लेकर रोजगार कार्यालय क्रासिंग तक कहीं डेढ़ तो कहीं सवा मीटर चौड़ाई में भूमि की और जरूरत है। इसी तरह गोल चौराहा से रावतपुर तक एक से सवा दो मीटर, रावतपुर से गीतानगर के बीच दो से सवा दो मीटर, गीता नगर से गुरुदेव तक डेढ़ से दो मीटर चौड़ाई में जगह की जरूरत पड़ेगी।