Bareilly: 'जल जीवन मिशन' में अफसरों का आंकड़ों से खेल, 95% घरों को कनेक्शन देने का दावा, सच्चाई कुछ और...
बरेली, अमृत विचार : जल जीवन मिशन के तहत गांवों में घर-घर पानी पहुंचाने में नाकाम रहे अफसरों ने अब आंकड़ों के साथ खेल शुरू कर दिया है। अब तक बमुश्किल 30 फीसदी ओवरहेड टैंक बन पाए हैं लेकिन फिर भी 95 प्रतिशत घरों को कनेक्शन देकर 55 फीसदी गांवों में पानी की आपूर्ति शुरू कर दिए जाने का दावा किया जा रहा है।
जिले में वर्ष 2022 में शुरू हुई केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना के तहत जिले के 1806 गांवों में घर-घर नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य तय है। इसके लिए जल निगम की ओर से गांव-गांव पानी की टंकी और ट्यूबवेल बनाए जाने के साथ पाइप लाइन बिछाई जानी थी। शासन ने यह प्रोजेक्ट मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया था लेकिन समय पर काम पूरा नहीं हो सका। इसके बाद शासन ने 31 दिसंबर 2024 तक का वक्त जल निगम को दे दिया लेकिन ये नौ महीने भी ऐसे ही गुजर गए और काम पूरा नहीं हो पाया।
स्थिति यह है कि जिले के 1806 गांवों में से अब तक सिर्फ 1104 गांवों में ही पानी पहुंच पाया है, वह भी जल निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक। बाकी बचे 704 गांवों के लोग अब भी पेयजल आपूर्ति शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। जल निगम के अफसर तीन से चार महीने में काम पूरा होने का दावा कर रहे हैं।
लोग निराश, बोले- पानी आया नहीं, सड़कें भी बर्बाद हो गईं
बिथरी चैनपुर के सारीपुर गांव के राजीव कहते हैं कि हर घर जल योजना के नाम पर सरकारी धन की बर्बादी हुई है। पाइप लाइन बिछाने के लिए खोदी गईं सड़कें महीनों से जैसी की तैसी पड़ी हैं। तमाम गांवों में टोटियां लगा दी गईं लेकिन पानी नहीं आ रहा। शिकायतों पर सुनवाई करने वाला कोई नहीं है।
पुरनापुर गांव के विशाल पटेल ने बताया कि एक साल पहले गांव में पाइप लाइन बिछाना शुरू किया गया था लेकिन अब तक पानी नहीं पहुंचा है। गांव के काफी हिस्से में पाइप लाइन भी नहीं बिछी है। सड़कें भी बेवजह बर्बाद हो गईं। डोहरिया के कुलदीप ने बताया कि पानी के लिए बिछाई गई पाइप लाइन से गांव की सड़कें और गलियां टूटी पड़ी हैं। पानी भी अब तक नहीं मिला। इसी गांव के दीपक ने कहा कि गांव में पाइप लाइन बिछाने के लिए खोदी गई सड़कें मिट्टी से पाट दी गईं। घरों में टंकी के कनेक्शन किसी काम के नहीं हैं।
आंकड़ों का झोल बता रहा है आगे की कहानी
जल जीवन मिशन के तहत एक गांव पर औसतन डेढ़ से ढाई करोड़ तक खर्च किए जा रहे हैं। काम में लेटलतीफी पर प्रशासन ने कार्यदायी संस्था पर शिकंजा कसने के साथ ठेकेदारों को नोटिस जारी करने के साथ भुगतान भी रोका लेकिन फिर भी कोई नतीजा नहीं निकला। जल निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक अब तक 1806 गांवों में से सिर्फ 1104 गांवों में काम पूरा हुआ है। 877 पानी की टंकियों में से सिर्फ 296 बन पाई हैं। पाइप लाइन 8629 किमी लंबी बिछाई जानी थी लेकिन 8234 किमी लंबी ही बिछ पाई है। 4,78,900 कनेक्शन दिए जाने थे, अब तक 4,52,358 कनेक्शन ही दिए गए हैं।
शासन में अटका भुगतान तो रोका काम
जिले में जल जीवन मिशन का प्रोजेक्ट एनसीसी नाम की कंपनी को मिला है। बताया जा रहा है कि एनसीसी ने किसी ठेकेदार को दो-तीन तो किसी को 10 से 15 गांवों में काम दे रखा है। एक-दो गांवों में काम करा रहे छोटे ठेकेदारों को समय पर भुगतान नहीं किया गया तो उन्होंने काम रोक दिया। इन ठेकेदारों का आरोप है कि बड़े ठेकेदारों काे नियमित भुगतान हो रहा है, उनकी अनदेखी की जा रही है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि करोड़ों के बिल शासन को भेजे जा चुके हैं। बार-बार पत्राचार के बाद भी ऊपर से पैसा नहीं मिल रहा है।
जल जीवन मिशन प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है। मार्च तक लगभग सभी घरों में पेयजल आपूर्ति शुरू हो जाएगी। पाइप लाइन बिछाने और पानी की टंकी का निर्माण काफी हद तक पूरा हो चुका है- कुमकुम गंगवार- एक्सईएन, जल निगम ग्रामीण।
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