पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अस्थियां यमुना नदी में की गईं विसर्जित, एक जनवरी को होगा अखंड पाठ का आयोजन
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अस्थियां उनके परिवार के सदस्यों ने सिख रीति-रिवाजों के अनुसार मजनू का टीला गुरुद्वारा के निकट यमुना नदी में विसर्जित कर दीं। अस्थियां रविवार सुबह सिंह के परिवार के सदस्यों द्वारा निगमबोध घाट से एकत्र की गईं और बाद में उन्हें गुरुद्वारे के पास यमुना नदी तट पर स्थित ‘अष्ट घाट’ ले जाया गया। सिंह की पत्नी गुरशरण कौर, उनकी तीन बेटियां - उपिंदर सिंह, दमन सिंह और अमृत सिंह अन्य रिश्तेदारों के साथ इस मौके मौजूद थीं।
परिवार सिख रीति-रिवाजों के अनुरूप एक जनवरी को 3, मोतीलाल नेहरू मार्ग स्थित अपने आधिकारिक आवास पर ‘अखंड पाठ’ का आयोजन करेगा। संसद परिसर के पास रकाबगंज गुरुद्वारे में 3 जनवरी को भोग, अंतिम अरदास और कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। मनमोहन सिंह (92) का 26 दिसंबर की रात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था। वह 92 वर्ष के थे। 1990 के दशक में आर्थिक उदारीकरण के युग की शुरुआत करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री का शनिवार को निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री सिंह को अंतिम श्रद्धांजलि देने में राष्ट्र का नेतृत्व किया।
कांग्रेस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अस्थि विसर्जन की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, ‘‘हम सभी मनमोहन सिंह जी की राष्ट्र के प्रति सेवा, उनके समर्पण और उनकी सादगी को हमेशा याद रखेंगे।’’ हालांकि, भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने इसको लेकर अफसोस जताया कि पूर्व प्रधानमंत्री की अस्थियां विसर्जित किए जाने के समय गांधी परिवार से कोई मौजूद नहीं था।
सिरसा ने कहा, ‘‘यह हम सभी के लिए दुखद क्षण है। हालांकि, यह सच है कि आज (सिंह की अस्थियां विसर्जित करने के दौरान) गांधी परिवार से कोई भी सदस्य वहां मौजूद नहीं था... आज, जब कैमरा नहीं था, तो कांग्रेस से कोई भी वहां मौजूद नहीं था। यह दुखद बात है। मनमोहन सिंह का बहुत सम्मान किया जाता है।’’