कानपुर में पहली बार एफडीआर तकनीक से बनेगी सड़क: ये मार्ग होगा चौड़ा, नबीपुर से गजनेर मार्ग फोरलेन
59.16 करोड़ रुपये के बजट से होगा चौड़ीकरण व फोरलेन का काम
कानपुर, अमृत विचार। कानपुर में पहली बार सड़क को फुल डेफ्ट रेक्लमेशन (एफडीआर) तकनीक से बनाया जाएगा। अभी तक इस तकनीक से कोई भी सड़क नहीं बनाई गई है। इस तकनीक से लोक निर्माण विभाग पहली सड़क कानपुर नगर और दूसरी औरैया में बनाएगा। इसके लिए विभाग ने सर्वे कराकर सड़क तय कर ली है।
चौबेपुर से बंदीमाता जाने वाले व्यस्त मार्ग की हालत काफी खराब है। लोक निर्माण विभाग ने इस मार्ग को फोरलेन बनाने की योजना तैयार की है। प्रस्ताव को शासन ने मंजूरी दे दी है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक चौबेपुर से बंदीमाता का 9.2 किलोमीटर तक का मार्ग न सिर्फ बनेगा, बल्कि इसका चौड़ीकरण भी किया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक इस काम में 16 करोड़ 68 लाख रुपये की लागत आएगी।
इसके अलावा नबीपुर से गजनेर मार्ग का चौड़ीकरण किया जाएगा। विभाग इस मार्ग को 3.6 किलोमीटर तक फोरलेन बनाएगा। इसकी लागत 42 करोड़ 48 लाख रुपये है।
लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता रविदत्त कुमार ने बताया कि दोनों ही मार्ग के निर्माण के लिए मंजूरी मिल गई है। निर्माण के लिए कंपनी नामित हो चुकी है, जल्द ही दोनों ही मार्ग पर निर्माण कार्य शुरू होगा। कानपुर में पहली बार सड़क एफडीआर तकनीक से बनाई जाएंगी।
ये होती है एफडीआर तकनीक
लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक एफडीआर तकनीक में वर्तमान सड़क की गिट्टी को निकाल कर उसे बारीक टुकड़ों में तब्दील किया जाता है। इसके बाद सड़क की पपड़ी को रीसाइकिल किया जाता है। इसके बाद सड़क पर गिट्टी को समतल किया जाता और सीमेंट में चिपकने वाले केमिकल का घोल तैयार कर उसे समतल की गई सतह पर डाला जाता है।
इसके बाद रीसाइक्लर और मोटरग्रेडर से रोल करके उस पर पैडफुट रोलर और कांपैक्टर चलाया जाता है ताकि गिट्टी ठीक तरह से बैठ जाए। इसके बाद यातायात का दबाव झेलने के लिए सतह के रूप में स्ट्रेस एब्साइर्बिंग इंटर लेयर तैयार करके उसके ऊपर पेवर मशीन से बिटुमिन कंक्रीट बिछाई जाती है और फिर रोलर चलाया जाता है। इस पूरी तकनीक को ही एफडीआर तकनीक बोला जाता है।