अल्मोड़ा के 25 जांबाज 1971 के युद्ध में हुए थे शहीद
कमलेश कनवाल, अल्मोड़ा। भारतीय सेना के वीर और पराक्रम के गौरवशाली अतीत में अल्मोड़ा जिले का योगदान भी रहा। 1962 के पहले युद्ध से लेकर कारगिल तक जिले से सेना में रहे सैनिकों और सैन्य अधिकारियों की अहम भूमिका रही। 1971 के भारत पाक युद्ध में भी जिले के सैनिकों का विशेष योगदान रहा। इस युद्ध में जहां 25 जांबाजों ने शहादत दी थी। वहीं, 12 जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे।
विजय दिवस के मौके पर इन शहीदों को एक बार फिर पूरी श्रद्धा के साथ याद किया जाएगा। सैनिक कल्याण बोर्ड के रिकॉर्ड के अनुसार भारत पाक युद्ध में जिले के 25 जवान शहीद हुए, जबकि 12 गंभीर रूप से घायल हो गए थे। 30 नवंबर 1971 को शमशेर नगर में भीषण संघर्ष हुआ। युद्ध में कुमाऊ-गढ़वाल समेत अन्य बटालियनों ने भागीदारी की थी, लेकिन इस युद्ध में अकेले अल्मोड़ा जिले के 25 जवानों ने अपनी शहादत दी। इसमें जांबाज शहीदों ने दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिये थे। इसके अलावा ले. जसबीर सिंह, ले. वाईएस बिष्ट समेत 15 सैन्य अधिकारी घायल हो गए थे। ले. जसबीर को बहादुरी के लिए सेना मेडल मिला। एक हफ्ते के बाद चार कुमाऊ की प्लाटून दोबारा वहां गई और शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
इन जांबाजों ने दी थी शहादत
हवलदार हरी शंकर, हवलदार मोहन सिंह, हवालदार मान सिंह, सिपाही रघुवीर सिंह, लांस नायक रामनाथ सिंह, लांस नायक इंद्र सिंह, लांस नायक मेहर चंद्र, सिपाही गोबर्द्धन, सिपाही विश्राम सिंह, सिपाही जीतम सिंह, सिपाही किशन राम, सिपाही मंगतू राम, सिपाही दयानंद, सिपाही रामेश्वर दयाल के अलावा सिपाही शेर सिंह, सिपाही उमेद सिंह, सिपाही ठाकुर सिंह, सिपाही जगत चंद्र, लांस नायक भीम सिंह संघर्ष में शहीद हुए।
भारत के 2998 जवान हुए थे शहीद
भारत पाक युद्ध के दौरान वर्ष 1971 में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के दांत खट्टे कर दिए थे। युद्ध में भारत के 2998 जवान शहीद हुए। जबकि 7986 घायल हुए। पाकिस्तान के हताहतों की संख्या 12455 और घायलों की संख्या 20347 थी। भारत पाक संघर्ष पहले ही शुरू हो चुका था। युद्ध की घोषणा भारत ने तीन दिसंबर 1971 को की थी। 16 दिसंबर 1971 को भारत ने विजयश्री प्राप्त कर ली थी। 14 दिनों तक चले इस युद्ध में बांग्लादेश के रूप में नए राष्ट्र का उदय हुआ। 16 दिसंबर को पाकिस्तान के जनरल नियाजी ने अपने 93 हजार सैनिकों के साथ भारत के फील्ड मार्शल मानिक शॉ के सम्मुख आत्मसमर्पण किया। 17 दिसंबर को युद्ध विराम की घोषणा की।
1971 भारत-पाक युद्ध में जिले के 25 जांबाजों ने अपनी शहादत दी थी। कुमाऊ-गढ़वाल समेत अन्य सभी यूनिटों ने इस युद्ध में भागीदारी की थी। -सेवानिवृत्त कर्नल विजय मनराल, जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी अल्मोड़ा।