बरेली: लेखपाल हत्याकांड...अधिकारियों के सामने ही बिलखने लगी मनीष की मां, कलेक्ट्रेट पर खूब हुआ हंगामा
फरीदपुर थाना प्रभारी पर लगाया लापरवाही का आरोप, एक दिन पहले मिला था कंकाल
बरेली, अमृत विचार। फरीदपुर तहसील में तैनात लेखपाल मनीष चंद्र कश्यप की अपहरण के बाद हत्या कर दिए जाने की उनके परिजनों की आशंका सच निकली। रविवार को पुलिस ने गांव कपूरपुर निवासी अवधेश कश्यप की निशानदेही पर मनीष का का कंकाल कैंट इलाके के गांव मिर्जापुर के पास एक तालाब के किनारे से बरामद किया था। वहीं अब सोमवार को कलेक्ट्रेट जाकर परिजनों ने जमकर हंगामा काटा। पुलिस और फरीदपुर तहसील के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। कलेक्ट्रेट गेट पर ही परिजन बिलखने लगे। मनीष की मांग अधिकारियों के सामने ही दहाड़े मारकर रोने लगीं।
मृतक लेखपाल मनीष कश्यप की मां मोरकली ने बताया कि चार नवंबर को उनके बेटे पर जानलेवा हमला किया गया था। जिसकी शिकायत खुद मनीष कश्यप ने थाना प्रभारी फरीदपुर से की थी। बावजूद इसके थाना प्रभारी ने कार्रवाई नहीं की। 27 नवंबर को जब मनीष का अपहरण हुआ तब भी मनीष की मां मोरकली फरीदपुर थाने पहुंचीं लेकिन मामले को फरीदपुर थाना प्रभारी ने गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने थाना प्रभारी पर परेशान करने और लापरवाही का आरोप भी लगाया। उन्होंने मिले शव के अवशेषों का डीएनए टेस्ट कराने समेत लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग उठाई। वहीं कलेक्ट्रेट पहुंचे परिजनों को सिटी मजिस्ट्रेट राजीव शुक्ला ने समझाकर शांत किया और कार्रवाई का आश्वासन दिया।
शुरुआत से ही ढील डाले रही पुलिस
लेखपाल मनीष चंद्र कश्यप 27 नवंबर को घर से ड्यूटी जाने के लिए निकले थे, जिसके बाद लापता हो गए। उनकी मां मोरकली और पत्नी जमुना देवी ने एक जनप्रतिनिधि पर अपहरण का आरोप लगाते हुए थाना फरीदपुर में तहरीर दी थी। पुलिस ने इस पर गुमशुदगी तो दर्ज कर ली लेकिन लेखपाल को तलाश करने की कोई कोशिश नहीं की। पुलिस के रवैये से गुस्साए मनीष के परिजनों ने 6 दिसंबर को कलेक्ट्रेट से मुख्य सचिव की वीडियो कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेकर निकले एडीजी, कमिश्नर, डीएम, आईजी और एसएसपी को घेरकर प्रदर्शन किया था।
मामला बढ़ा तो कीं चार टीमें गठित
प्रदर्शन के बाद बाद एसएसपी ने लेखपाल की तलाश के लिए चार टीमें गठित की थीं। रविवार को लेखपाल के लापता होने के 19 दिन बाद एसओजी और फतेहगंज पुलिस ने एक संदिग्ध आरोपी की निशानदेही पर बुखारा-फरीदपुर मार्ग पर मिर्जापुर गांव में नमामि गंगे प्लांट के पास एक तालाब के पास से एक खोपड़ी, कुछ हड्डियां और कपड़े बरामद किए। परिजनों के कपड़ों के आधार पर शव की शिनाख्त करने के बाद उसे पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया। हालांकि लेखपाल के परिजनों ने शव का डीएनए टेस्ट कराने की भी मांग की है।
सरकारी जमीन पर कब्जे को बताया था हत्या की वजह
परिजनों ने 6 दिसंबर को प्रदर्शन के दौरान पुलिस-प्रशासन के अफसरों को दिए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया था कि लेखपाल मनीष गांव खल्लपुर में बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन पर हुए कब्जे की जांच कर रहे थे और एक-दो दिन में ही उच्चाधिकारियों को अपनी रिपोर्ट देने वाले थे। इसी वजह से उनका अपहरण कर लिया गया। मनीष के परिजनों ने पुलिस और तहसील के अधिकारियों पर भी साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था।
हत्या आरोपी अवधेश कश्यप गिरफ्तार
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि पुलिस ने फरीदपुर के गांव कपूरपुर निवासी अवधेश कश्यप को गिरफ्तार किया है। अवधेश ने फिरौती के लिए लेखपाल मनीष कश्यप के अपहरण और हत्या की बात कुबूल की है। उसके घर से लेखपाल की मोहर, एक पैड और अर्टिगा कार भी बरामद की गई है।