Kanpur: गंगा रिवर फ्रंट का परीक्षण करने शहर में आएगी केंद्रीय टीम, हो सकता है पुराने प्रोजेक्ट में बदलाव
कानपुर, अमृत विचार। बीते एक दशक से ज्यादा समय से प्रस्तावित गंगा रिवर फ्रंट योजना के फाइलों से निकल कर जमीन पर उतरने की राह आसान होती नजर आ रही है। सांसद रमेश अवस्थी के प्रयास पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने आश्वासन दिया है कि भारत सरकार की एक टीम जल्दी ही कानपुर आकर परियोजना की उपयोगिता का परीक्षण करेगी। इसके बाद कार्यान्वयन की दिशा में सार्थक कदम उठाए जाएंगे। बीते साल मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी पहले ही गंगा रिवर फ्रंट योजना को अमली जामा पहनाए जाने के संबंध में घोषणा कर चुके हैं।
गंगा रिवर फ्रंट को गंगा के किनारे बैराज से लेकर जाजमऊ तक 12 किलोमीटर लंबे दायरे में विकसित किया जाना है। बैराज और जाजमऊ में नए घाट बनाने के साथ योजना में भैरोघाट, परमट घाट, सरसैया घाट, मेस्कर घाट, सिद्धनाथ घाट आदि के जीर्णोद्धार, जगह-जगह पिकनिक स्पॉट, फूड हब, ग्रीनरी, पॉथवे विकसित किए जाने हैं।
गंगा रिवर फ्रंट की योजना केडीए ने बनाकर इस पर 300 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव किया था। योजना में गंगा के किनारे 1100 एकड़ जमीन चिह्नित करके मार्जिनिल बांध बनाने का प्रस्ताव किया गया था। इसकी स्वीकृति के लिए पूर्ववर्ती जल संसाधन मंत्रालय (अब जलशक्ति मंत्रालय) के पास फाइल लंबित है। माना जा रहा है कि अब पुराने प्रोजेक्ट में बदलाव किया जाएगा। योजना में अब 12 नहीं 16 किमी लंबा गंगा रिवर फ्रंट बनाया जाएगा।