लखीमपुर खीरी: ओम प्रकाश राजभर बोले-मुसलमान मोहम्मद साहब को मानते हैं मगर उनके विचारों को नहीं

सबका साथ सबका-विकास के साथ अल्पसंख्यकों को मिल रहा समान अधिकार

लखीमपुर खीरी: ओम प्रकाश राजभर बोले-मुसलमान मोहम्मद साहब को मानते हैं मगर उनके विचारों को नहीं

निघासन, अमृत विचार। निघासन के जिला पंचायत इंटर कॉलेज परिसर में आयोजित स्वाभिमान सम्मान रैली में आए सूबे के पंचायती राज विभाग,अल्पसंख्यक कल्याण हज व वक्फ बोर्ड मंत्री ओपी राजभर ने सपा, बसपा और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।

उन्होंने कहा कि सबका साथ सबका विकास के साथ अल्पसंख्यकों को भाजपा सरकार में समान अधिकार मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मुसलमान मोहम्मद साहब को तो मानते हैं, लेकिन उनके उनके विचारों को नहीं। मोहम्मद साहब ने मजबूर और लाचारों की मदद करने के लिए कहा है, लेकिन मुसलमान की नजरों में सबसे मजलूम अखिलेश यादव, सोनिया गांधी और मायावती हैं। सूबे के मंत्री ओपी राजभर ने मुस्लिमों को नसीहत देते हुए कहा खुदा भी उनकी मदद करता है जो दूसरों की मदद के लिए तैयार रहता है। मगर, मुस्लिम समाज के लोग मदद दूसरों की करते हैं और फिर मदद न करने की उलाहना देता है। उन्होंने कहा कि हर साल आठ सौ करोड़ रुपये मुस्लिम बच्चों को पढ़ाने के लिए दिए जाते हैं, जिससे मुस्लिम समाज के बच्चों को पढ़ा लिखा कर बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि जमीन तलाशी जा रही है, जल्द ही सभी मदरसों को यूनिवर्सिटी से अटैच किया जाएगा। मदरसा बोर्ड भी अलग बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सपा एवं कांग्रेस ने सिर्फ नफरत का जहर घोला है। सपा से लेकर अन्य दलों के साथ रहा हूं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि सपा की साइकिल पर यदि बैठ जाओगे तो दवाई करा देंगे सपाई। इसलिए इनसे दूर रहो। इस दौरान सुभासपा पार्टी के पदाधिकारी आदि मौजूद रहे।

नहीं जुट पाई भीड़, खाली पड़ी रहीं कुर्सियां
स्वाभिमान एवं सम्मान रैली के लिए परिसर में डाली गईं कुर्सियों में से अधिकतर खाली रहीं। कुर्सियों पर सिर्फ इक्का दुक्का लोग ही बैठे नजर आए। इनमें विभागीय अधिकारियों से लेकर ब्लॉक के कर्मचारी और प्रधानों की संख्या अधिक रही।

भाजपाईयों का न शामिल होना रहा चर्चित
सूबे में गठबंधन की सरकार है और इस कोटे से सुभासपा के ओपी राजभर को पंचायती राज मंत्री बनाया गया है। मगर, रविवार को आयोजित जनसभा में भाजपाइयों की दूरी चर्चा का विषय बनी रही। इसमें न तो भाजपाई के पदाधिकारी शामिल हुए और न ही कार्यकर्ता।

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