बरेली: टैक्स चोरी में अधिकारियों का खेल, विभागों में लगाईं ऐसी गाड़ियां...टैक्सी परमिट ही नहीं

बरेली: टैक्स चोरी में अधिकारियों का खेल, विभागों में लगाईं ऐसी गाड़ियां...टैक्सी परमिट ही नहीं

सुरेश पांडेय, बरेली। सरकारी विभागों के अधिकारी ही बड़े पैमाने पर टैक्स की चोरी करा रहे हैं। इन विभागों में ऐसी गाड़ियां चलाई जा रही हैं जिनका टैक्सी परमिट ही नहीं है। वजह यह है कि अधिकारियों और कर्मचारियों ने ही अपनी गाड़ियां अतिरिक्त कमाई के लिए विभागों में लगा रखी हैं। सरकारी विभागों का मामला होने की वजह से परिवहन विभाग ने भी इस पर आंखें मूंद रखी हैं।

राज्य और केंद्र सरकार दोनों के कई विभागों में निजी गाड़ियां हायर करके ये गोलमाल किया जा रहा है। इज्ज्तनगर मंडल के रेल अफसर गैर टैक्सी परमिट की गाड़ियों में ही चल रहे हैं। कुछ ठेकेदारों ने भी गाड़ियां लगा रखी हैं। विभागीय गाड़ी न होने के बावजूद ज्यादातर पर सफेद नंबर प्लेट ही लगी हुई है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक इनमें कुछ गाड़ियों का ओवरस्पीड में चालान तक हो चुका है। कुछ गाड़ियों का पटना में भी चालान हो चुका है। नगर निगम के अफसर भी सफेद प्लेट लगी गाड़ियों पर ही चल रहे हैं। इनके अलावा कई और विभागों में भी यही स्थिति है। उधर, संभागीय परिवहन कार्यालय के अधिकारियों का पूरा ध्यान हाईवे पर भारी वाहनों की चेकिंग पर रहता है।

कोर्ट की मनाही के बाद भी निजी वाहनों पर पदनाम
सरकारी विभागों में हायर किए गए वाहनों पर भारत सरकार या राज्य सरकार के साथ कुछ अफसरों ने अपेन पदनाम भी लिखवा लिए हैं जबकि कोर्ट ने किसी भी व्यक्तिगत नाम पर दर्ज वाहन पर अपना पदनाम, विभाग का नाम, पट्टिका का प्रयोग करने पर पाबंदी लगा रखी है। भारत सरकार के भी एक आदेश के मुताबिक वाहन पर पदनाम लिखना निषेध है। मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 177 के तहत भी ऐसा करना प्रतिबंधित है। इसके लिए पांच सौ रुपये का जुर्माना भी निर्धारित किया गया है।

कुछ सरकारी विभाग हैं जिनमें चलाई जा रही गाड़ियों के कॉमर्शियल परमिट नहीं है। कुछ समय पहले बिजली विभाग की गाड़ी पकड़ी भी थी। वैसे सभी विभागों में टैक्सी परमिट की पीली प्लेट वाली गाड़ी लगी हैं। हम जांच भी करवा भी लेंगे - दिनेश कुमार सिंह, आरटीओ।

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