चार दिन से जंगल में भटक रही महिला को किया रेस्क्यू
पुलिस व युवाओं ने खोजबीन कर अस्पताल पहुंचाया

कालाढूंगी,अमृत विचार। कड़ाके की ठंड में भूखे-प्यासे जंगल में रहना पड़ जाए तो ऐसा सोचने से ही रूह कांपने लगती है। ऐसे ही कोटाबाग के जंगल में पिछले चार दिनों से एक महिला भटक रही थी। सूचना पर सामाजिक कार्यकर्ता राहुल पंत और उनकी टीम ने पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर महिला की खोज शुरू की और उसे सीएचसी तक पहुंचाया।
बीते शुक्रवार को आरंभ एक पहल संस्था के अध्यक्ष राहुल पंत को ग्राम अडिया से सूचना मिली कि एक महिला चार दिनों से जंगल में अकेली है।
सूचना के बाद संस्था के कार्यकर्ताओं ने पुलिस और हॉस्पिटल की टीम के साथ मिलकर रात में ही जंगल में सर्च अभियान शुरू किया। हालांकि, अंधेरे के कारण महिला का पता नहीं चल पाया। शनिवार को कोटाबाग से 8 किलोमीटर दूर स्थित नदी-नालों और जंगल में रेस्क्यू अभियान फिर से शुरू किया गया। दो घंटे बाद महिला धोती ओढ़े हुए मिल गई, लेकिन भूख और प्यास के कारण वह बोलने और चलने की स्थिति में नहीं थी। युवाओं ने उसे स्टेचर में लिटा कर, पहाड़ों और नदी को पार करते हुए दो किलोमीटर दूर सड़क तक पहुंचाया। फिर 108 एम्बुलेंस सेवा से महिला को सीएचसी लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया और ग्लूकोस चढ़ाया। सामान्य स्थिति में आने के बाद महिला को भोजन कराया गया।
एसआई रमेश पंत ने बताया कि महिला की बातों से वह बंगाली लग रही थी और मानसिक रूप से असंतुलित भी प्रतीत हो रही थी। रेस्क्यू टीम में संस्थाध्यक्ष राहुल पंत, कोषाध्यक्ष नीरज जोशी, मनीष बिष्ट, सौरभ जोशी, गिरीश जोशी, विवेक बाधानी, अमित जीना, पुलिस कांस्टेबल मनोज टम्टा, विक्रम कुमार और एम्बुलेंस चालक प्रमोद बधानी शामिल थे। यह रेस्क्यू अभियान पूरे क्षेत्र में एक सकारात्मक संदेश छोड़ गया, और यह दिखाया कि टीमवर्क और सामाजिक दायित्व के प्रति जिम्मेदारी के साथ किए गए प्रयास किसी भी मुश्किल को हल कर सकते हैं।