Lucknow News : तिहरा हत्याकांड के हत्यारोपी पिता-पुत्र पर लगी रासुका, जेल की सलाखों में कैद हैं गैंगस्टर
मलिहाबाद, अमृत विचार : तिहरे हत्याकांड के हत्यारोपी सिराज उर्फ लल्लन और बेटे फराज की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। जेल की सलाखों में कैद हत्यारोपी पिता-पुत्र के खिलाफ लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उन पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाई है। पूर्व में हत्यारोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा चुकी है। इसके साथ ही जरायम की बदौलत कमाई गई उनकी संपत्तियों को चिन्हित कर कुर्क करने की तैयारी चल रही है। सिराज उर्फ लल्लन पर संगीन धाराओं में कुल 21 अपराधिक मामले दर्ज हैं।
गौरतलब है कि बीते 02 फरवरी को मलिहाबाद कोतवाली अंतर्गत मोहम्मदनगर गांव में जमीन विवाद में 70 साल के पुराने हिस्ट्रीशीटर सिराज उर्फ लल्लन ने बेटे फराज साथी फुरकान व अशर्फी के साथ मिलकर रिश्तेदार फरहीन, उनके बेटे हंजला व मुनीर खां उर्फ ताज की गोली मारकर हत्या कर दी थी। लल्लन खान ने अपनी लाइसेंसी राइफल से ताबड़तोड़ पांच गोलियां मारी थी। 05 फरवरी को पुलिस ने हत्यारोपियों की गिरफ्तारी कर उन्हें सलाखों के पीछे धकेल दिया था। मार्च में तिहराकांड में शामिल हत्यारोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी। उसके बाद तत्कालीन पुलिस आयुक्त एसबी शिरडकर के निर्देश पर मलिहाबाद कोतवाली पुलिस ने सिराज उर्फ लल्लन और बेटे फराज की सम्पत्ति कुर्क करने की कार्रवाई शुरू की थी। जांच में पता चला कि हिस्ट्रीशीटर सिराज ने बेटे फराज के साथ करीब 34 करोड़ रुपये की सम्पत्ति बनाई थी, जिसे कुर्क किया गया।
शुक्रवार को पुलिस आयुक्त अमरेंद्र कुमार सेंगर के निर्देश पर मलिहाबाद पुलिस ने जेल की चारदीवारी में कैद हत्यारोपी पिता-पुत्र पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) की कार्रवाई की है। पुलिस आयुक्त का कहना है कि तिहरे हत्याकांड के बाद सिराज और बेटे फराज के खिलाफ यूपी गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। बावजूद इसके हत्यारोपी पिता-पुत्र की समाज में सक्रियता और गंभीर अपराधिक इतिहास को देखते हुए लखनऊ पुलिस ने इन पर रासुका लगाई है। बताया कि रासुका की कार्रवाई का मकसद इन अपराधियों को कानून की पकड़ में मजबूती लाना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि समाज में भय और असुरक्षा का माहौल समाप्त हो। तिहरे हत्याकांड को लेकर पुलिस ने संदेश दिया है कि अपराधियों के कड़ी कार्रवाई का सिलसिला बदस्तूर जारी रहेगा।
यह भी पढ़ें- कासगंज : हंसते खेलते सबको रुला कर चले गए समाजसेवी दादा रविन्द्र