कासगंज: मोक्षदा द्वादशी...महामंडलेश्वर एवं महंत के स्नान के साथ शुरू हुआ शाही स्नान
हरिपदी गंगा घाट पर उमड़ी स्नानार्थियों की भीड़, गूंजे जयकारे
सोरों, अमृत विचार। गुरुवार को द्वादशी स्नान था। परंपरा के अनुसार महामंडलेश्वर एवं महंत ने स्नान किया। इसके बाद गंगा में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर पुण्य लाभ कमाया। स्नान के बाद वराह भगवान मंदिर के महंत ने धन वर्षा की। सिक्के पाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।
मार्गशीर्ष माह के द्वादशी स्नान को सुबह से ही हरिपदी गंगा घाट पर स्नानार्थियों की भीड़ थी, लेकिन परंपराओं के निर्वहन के लिए वराह भगवान मंदिर के महामंडलेश्वर आशुतोषानंद महाराज का इंतजार किया जा रहा था। महंत विदेहानंद महाराज एवं महामंडलेश्वर वराह भगवान की प्रतिमा के साथ घाट पर पहुंचे और भगवान को स्नान कराया और फिर स्वयं स्नान किया।
उनके स्नान के साथ ही आम लोगों ने भी गंगा में स्नान कर पुण्य लाभ कमाया। हरिपदी गंगा घाट गंगा मैया एवं वराह भगवान की जय-जयकार से गूंज उठा। मंदिर में पहुंचकर महामंडलेश्वर आशुतोषानंद महाराज ने परंपराओं के अनुसार मंदिर कोष से धन वर्षा की। भगवान का खजाना पाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।
शताब्दियों पुरानी है धनवर्षा की परंपरा
वराह पीठाधीश्वर एवं कैलाश मठ के महामंडलेश्वर आशुतोषानंद गिरि महाराज ने बताया कि द्वादशी स्नान के बाद धन वर्षा की परंपरा लगभग 776 वर्ष पुरानी है। मान्यताओं के अनुसार भगवान के खजाने को ले जाकर जो व्यक्ति अपनी तिजोरी में रखता है उसके यहां धन की कमी नहीं रहती है।
नागालैंड आश्रम पर हुआ भंडारा
हरि की पौड़ी स्थित नागालैंड आश्रम में श्रद्धालुओं ने भंडारा कराया। यहां साधू संतों को भोजन कराया गया। साधु संतों ने प्रसाद ग्रहण कर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया और विश्वकल्याण की कामना की। अन्य क्षेत्रों में भी भंडारे का आयोजन किया गया।
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