Kannauj News : डीआईओएस की ही जीपीएफ पासबुक में तबादले, तैनाती का ब्योरा नहीं
पटल सहायक के भी अभिलेखों में मिलीं कमियां, दो बाबू के वेतन आहरण रोकने की चेतावनी
कन्नौज, अमृत विचार। डीआईओएस डॉ. पूरन सिंह की सेवा पुस्तिका व जीपीएफ पासबुक में कई कमियां मिलीं हैं। स्थानांतरण एवं तैनाती का ब्योरा अंकित नहीं है। अप्रैल 2024 से की गई कटौतियों का अंकन अद्यतन नहीं किया गया और न ही पासबुक में नामिनी का प्रपत्र भरा गया है। इतना ही नहीं स्थापना पटल सहायक कमलेंद्र पाल सिंह की पासबुक में भी जुलाई 2023 से कटौतियों का ब्योरा अद्यतन नहीं किया गया है। न ही निर्धारित प्रपत्रों में विवरण मिला।
यह कमियां सीडीओ राम कृपाल चौधरी के निरीक्षण में सामने आईं हैं। 11 दिसंबर को डीआईओएस कार्यालय के निरीक्षण के बाद जारी हुई आख्या में सीडीओ ने लिखा है कि इससे स्पष्ट है कि जब स्वयं डीआईओएस व संबंधित पटल सहायक की सेवा पुस्तिका एवं जीपीएफ पासबुक पूर्ण नहीं है तो अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों की कैसे पूरी होगी। उन्होंने यह स्थिति खेदजनक बताई। साथ ही कहा कि 15 दिनों में सभी कर्मचारियों व अधिकारियों की अधूरी प्रविष्टियों को पूरा कराएं और उसे दिखाएं। ऐसा न करने पर पटल सहायक के दिसंबर के वेतन आहरण पर रोक लगेगी।
रोड पर लगवाएं कार्यालय के पते का बोर्ड
सीडीओ ने निर्देश दिए कि डीआईओएस कार्यालय के आसपास रोड पर कोई बोर्ड नहीं है। नई जगह पर ऑफिस पहुंचा है तो लोगों को ढूंढने में दिक्कतें होती हैं। इसलिए कार्यालय का बोर्ड जरूर लगाया जाए। कार्यालय के निरीक्षण में कर्मचारियों की मेजों पर मेजपोश नहीं मिले। अलमारियों में अभिलेखों का रखरखाव सही नहीं था और न ही अभिलेखों में स्लिप चस्पा की गई।
गुणवत्ता का अंकन नहीं व महीनों से निस्तारण लंबित
वर्ष 2021 से शिकायत संदर्भ अंकित किए गए हैं। सीडीओ ने बताया कि कई महीनों से निस्तारण लंबित हैं जिनके संबंध में ब्योरा नहीं मिला। आईजीआरएस पंजिका में निर्धारित प्रारूप न होने के कारण निस्तारण की गुणवत्ता का अंकन नहीं मिला। न ही अधिकारी ने उसका अवलोकन किया। डीआईओएस को निर्देश दिए गए कि डीडीओ कार्यालय में संबंधित पटल सहायक को भेजकर मुबारिक अली से सभी प्रकार के रजिस्टर आदि देखकर अपने कार्यालय में भी बनवाएं।
पटल सहायक की सेवा पुस्तिका में यह कमियां
स्थापना पटल के प्रधान सहायक कमलेंद्र पाल सिंह ने निरीक्षण में सीडीओ को अपनी ही सेवा पुस्तका दिखाई जिसमें 1990 के बाद फिंगर प्रिंट अब तक सक्षम अधिकारी ने सत्यापित नहीं किए हैं। नियम के तहत हर पांच साल बाद सत्यापन होना चाहिए। सभी ब्योरा अंकित नहीं मिले और अर्जित अवकाश जनवरी 2024 के बाद अद्यतन नहीं है। प्रधान सहायक अखिलेश वर्मा की सेवा पुस्तिका में अर्जित अवकाश लेखा 2018 के बाद अद्यतन नहीं किया गया। पार्ट-02 सेवा पुस्तिका में कर्मचारी का विवरण अंकित नहीं किया गया और न ही फिंगर प्रिंट लगवाए गए। अन्य कमियां भी मिलीं। इसे समय रहते सुधारने को कहा गया है।
यह भी पढ़ें- Kannauj News : पूर्व ब्लाक प्रमुख नीलू की जमानत हुई खारिज