हल्द्वानी: पागल कुत्ते का आतंक: खेड़ा और नवाड़खेड़ा गांव में दहशत, प्रशासन से सुरक्षा की मांग

हल्द्वानी: पागल कुत्ते का आतंक: खेड़ा और नवाड़खेड़ा गांव में दहशत, प्रशासन से सुरक्षा की मांग

हल्द्वानी, अमृत विचार। तीन अक्तूबर को गौलापार के खेड़ा और नवाड़खेड़ा गांवों में रैबीज संक्रमित सियार ने 19 लोगों को काटकर घायल कर दिया था। हालांकि, उस घटना के बाद स्थिति और भी गंभीर हो गई है, जब सियार के काटे हुए पालतू कुत्ते में रैबीज के लक्षण दिखने लगे। अब तक यह पागल कुत्ता छह मवेशियों को काट चुका है और राह चलते लोगों को भी अपनी चपेट में लेने की कोशिश कर रहा है। इससे गांव में भय का माहौल बन गया है।

सियार का काटा कुत्ता पागल हुआ:  3 अक्तूबर को रामलीला से लौट रहे 19 लोग सियार के हमले का शिकार हो गए थे। बीचबचाव के दौरान सियार की मौत हो गई थी और पोस्टमार्टम के बाद यह पुष्टि हुई कि वह रैबीज से संक्रमित था। सभी घायलों को तुरंत रैबीज के टीके लगाए गए, लेकिन अब उस सियार के काटे हुए कुत्ते में पागलपन के लक्षण सामने आए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता अर्जुन सिंह बिष्ट के अनुसार, कुत्ते ने अब तक तीन गायों, एक भैंस और दो अन्य कुत्तों को काट डाला है। कुत्ता अब लोगों को काटने के लिए दौड़ रहा है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।

पशुपालन विभाग और प्रशासन को सूचित किया गया: कुत्ते के हमलों के बाद स्थानीय लोग बहुत परेशान हैं। गांववाले कुत्ते को पकड़ने के लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कुत्ता पकड़ में नहीं आ रहा है। इस संबंध में पशुपालन विभाग और स्थानीय प्रशासन को भी सूचित किया जा चुका है, ताकि इस पागल कुत्ते का इलाज किया जा सके और वह किसी अन्य व्यक्ति या मवेशी को नुकसान न पहुंचाए।

बीएलओ ने दोनों गांवों में जाने से किया इंकार: पागल कुत्ते के आतंक के कारण बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑब्जर्वर) ने भी दोनों गांवों में जाने से मना कर दिया है। गांववाले अब प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, ताकि इस कुत्ते को पकड़ा जा सके और उनका जीवन सामान्य हो सके।

ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर चिंता: गांव के लोग अब सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि पागल कुत्ता जहां भी जाता है, लोगों को काटने की कोशिश करता है। स्थानीय प्रशासन को यह गंभीर स्थिति स्वीकार कर इस पर तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। 

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