हादसे में नवासे की मौत, सदमे से नाना का हुआ निधन, गांव में एक साथ जलीं तीन अर्थियां

हादसे में नवासे की मौत, सदमे से नाना का हुआ निधन, गांव में एक साथ जलीं तीन अर्थियां

हैदरगढ़, बाराबंकी, अमृत विचार। लखनऊ सुल्तानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुधवार की सुबह हुई सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले हरिओम श्रीवास्तव के नाना की गुरुवार की सुबह सदमे में जान चली गई। बाद में नाना और नवासे का एक साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। 

बता दें कि पिता संतोष कुमार श्रीवास्तव के निधन के बाद मृतक हरिओम श्रीवास्तव अपनी मां सावित्री एवं बड़े भाई मोहित के साथ शिवराजपुर गांव निवासी नाना भगवती प्रसाद श्रीवास्तव के यहां रहकर पढ़ाई करता था। हरिओम श्रीवास्तव मंगलवार को पहली बार कैटर्स के लिए काम करने गांव के ही विनय कुमार रावत एवं श्याम नारायण रावत के साथ मोटरसाइकिल से गोसाईगंज लखनऊ गया हुआ था। जहां से बुधवार की सुबह वापस लौटते समय लगभग 3 बजे थाना लोनीकटरा अंतर्गत छंदरौली मोड़ के निकट पहुंचने पर अचानक ईट भट्टे की ओर मुड़े ट्रक से उनकी मोटरसाइकिल टकरा गई। जिसमें तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने तीनों घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोसाईगंज भेजा। जहां पर हरिओम श्रीवास्तव एवं विनय कुमार रावत को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम के बाद बुधवार की शाम शवों के गांव पहुंचते ही परिजनों के बीच कोहराम मच गया था। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था। 

हरिओम की मौत से मां सावित्री के अलावा उसके नाना 85 वर्षीय भगवती प्रसाद श्रीवास्तव बदहवास हो गए थे। दोनों का रो रोकर बुरा हाल था। नवासे की मौत से गमजदा नाना का भी गुरुवार सुबह लगभग 9 बजे निधन हो गया। गांव से एक साथ तीन-तीन शव यात्रा निकलने से पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया। सूचना पाकर पहुंचे क्षेत्रीय विधायक दिनेश रावत, प्रधान प्रतिनिधि विजय सिंह  सहित तमाम लोगों ने दुखी परिजनों को ढांढस बंधाया। दुर्घटना में मृतक विनय रावत का अंतिम संस्कार जहां पैतृक बाग में किया गया। वहीं नाना और नवासे का अंतिम संस्कार भी पैतृक बाग में कर दिया गया। गांव में तीन-तीन शवों को एक साथ जलते देख मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं।

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