कासगंज: छात्रा से फीस के नाम पर ले ली रकम...डेढ साल तक भटकता रहा पिता, 36 दिन में मिला न्याय

कासगंज: छात्रा से फीस के नाम पर ले ली रकम...डेढ साल तक भटकता रहा पिता, 36 दिन में मिला न्याय

कासगंज, अमृत विचार: फीस के नाम पर 15 हजार रुपए ले लिए, फिर यह कह कर टाल दिया कि प्रवेश अगली वर्ष होगा। न तो प्रवेश दिया और न ही फीस वापस की। यह दर्द है पैरामेडिकल एंड नर्सिंग कॉलेज में दाखिला लेने गई कासगंज की छात्रा प्रिया के पिता का। हार थककर उन्होंने स्थानीय लोक अदालत का दरवाजा खटखटाया। उन्हें 36 दिन में न्याय मिल गया। फीस भी वापस मिल गई। क्षतिपूर्ति भी न्यायालय ने दिला दी।

बीती 21 अक्टूबर को अमांपुर के गांव नगला इन्द्रजीत निवासी बिजेंद्र कुमार ने स्थाई लोक अदालत में प्रार्थना पत्र दिया। उन्होंने डीएस पैरामेडिकल एंड नर्सिंग कॉलेज बरौली मथुरा के प्रबंधक और प्रधानाचार्य को प्रतिवादी बनाया। लिखा कि उन्होंने अपनी बेटी प्रिया का बीएसी नर्सिंग में प्रवेश दिलाने के लिए 75 हजार रुपए फीस तय करते हुए वर्ष 2023 के जनवरी माह में 15 हजार रुपए जमा कर दिए, लेकिन प्रवेश नहीं दिया गया। 

प्रबंधक से संपर्क किया गया तो कह दिया अगली वर्ष प्रवेश हो जाएगा। इसक बाद लगातार पीड़ित कॉलेज के चक्कर लगाता रहा। जब प्रवेश न हुआ तो फीस वापस मांगी, लेकिन फीस भी वापस नहीं की। इस पर पीड़ित ने स्थाई लोक अदालत में प्रार्थना पत्र दिया। फीस के साथ-साथ दस हजार रुपए की क्षतिपूर्ति मांगी।
 
अदालत के वरिष्ठ सदस्य वसंत शर्मा, डॉ.सपना अग्रवाल ने कॉलेज के प्रबंधक और प्रधानाचार्य को नोटिस जारी किया। कॉलेज की ओर से जवाब दिया गया और सहमति जताई गई कि फीस वापस करेंगे। साथ ही क्षतिपूर्ति भी देंगे। क्षतिपूर्ति में दस हजार की वजाय सात हजार रुपए देने का अनुरोध किया। दोनों पक्ष सहमत हो गए। न्यायालय ने समझौता करा दिया।

पीड़ित परेशान था। दोनों पक्षों को नोटिस दिया गया। दोनों के बीच आपसी सहमति पर समझौता हो गया है। फीस वापस दिलाई गई है और क्षतिपूर्ति भी दिलाई गई है।

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