कानपुर में क्राइम ब्रांच और पुलिस ने मानव तस्करी गिरोह के दो सदस्यों को किया गिरफ्तार: थाईलैंड से बर्मा भेजकर बनाया था बंधक
कानपुर, अमृत विचार। कल्याणपुर थानाक्षेत्र के रहने वाले शिवेन्द्र सिंह को बर्मा भेजने वाले मानव तस्करी गिरोह के दो सदस्यों को क्राइम ब्रांच और कल्याणपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने मंगलवार रात गिरफ्तार कर लिया। मानव तस्करी के इस गिरोह में कौन-कौन शामिल है, इसका पता लगाने के लिए पुलिस की टीम दोनों से पूछताछ कर रही है।
कल्याणपुर बगिया निवासी शिवेन्द्र के भाई दीपेन्द्र सिंह ने 15 नवम्बर को कल्याणपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें दीपेन्द्र का कहना था कि शिवेन्द्र सिंह दिल्ली की एक जूता कंपनी के दादा नगर में मार्केटिंग ऑफिस कार्यत है।।यहीं पर काम करने के दौरान वह वार्ड नम्बर 1 पार्ट नम्बर 2 गली नम्बर 7 पूरी कालोनी फरीदकोट पंजाब निवासी संदीप कुमार शर्मा के सम्पर्क में आया। जिसने उसके अच्छा वेतन दिलाने का लालच देकर थाईलैंड भेज दिया। मगर वहां काम न दिलाकर उसे वहां से बर्मा भेज दिया गया। वहां उसे बंधक बनाकर रखा हुआ है।
मानव तस्करी जैसे गम्भीर आरोप में लिप्त शातिरों को पुलिस ने बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किया और दोनों आरोपी खुद बयान दर्ज कराने कल्याणपुर थाने पहुंच गए। डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह के अनुसार संदीप की जांच करने पर पुलिस को मकान नम्बर 415 प्रीतम सिटी बाबा जांडवीर थाना छिरैटा जनपद अमृतसर पंजाब निवासी करनदीप सिंह का नाम सामने आया। टीम पंजाब पहुंची और आरोपियों के परिवार वालों के सामने कानपुर में बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस दिया।
जिसके बाद दोनों आरोपी 26 नवम्बर को दोनों आरोपी थाना कल्याणपुर दर्ज कराने पहुंचे। पूछताछ के बाद आरोपी ने घटना कबूली। जिसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। डीसीपी ने बताया पूछताछ में आरोपी संदीप ने बताया कि पहले वह रमनदीप शर्मा के साथ इमिग्रेशन का काम करता था।
कोविड के दौरान उसके पार्टनर रमनदीप शर्मा की मौत हो गई। जिसके बाद उसने इमिग्रेशन का काम बंद कर दिया था। एक माह पहले एक जानने वाले ने फोन करके बताया कि थाईलैंड में काम आया है। जिसमें 60-80 हजार सैलरी मिलेगी। रहना खाना फ्री होगा।
इसके बाद संदीप ने करनदीप सिंह से सम्पर्क कर शिवेंद्र का ऑनलाइन इंटरव्यू करवाया। इसके बाद संदीप व करनदीप सिंह ने शिवेंद्र को बैंकॉक थाईलैण्ड भेज दिया। जहां से रोड़ के रास्ते बिना किसी प्रपत्रों के म्यामार (बर्मा) सीमा में प्रवेश करा दिया गया था। जांच में सामने आया कि शिवेन्द्र को जबरदस्ती नहीं भेजा गया है। पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है।