अयोध्या : बोर्ड परीक्षा कार्यक्रम में विसंगति को लेकर फंसे हाईस्कूल व इंटर के परीक्षार्थी
अयोध्या, अमृत विचार। माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से घोषित बोर्ड परीक्षा कार्यक्रम को लेकर पहली बार कई विसंगतियां सामने आईं हैं। इसे लेकर परीक्षार्थी दोनों पालियों में परीक्षा देने को लेकर काफी परेशान हैं। परीक्षार्थियों ने बोर्ड परीक्षा कार्यक्रम में संशोधन को लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय का चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं। इतना ही नहीं हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के कई विषयों के परीक्षार्थियों को भी तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। छात्रों का कहना है यदि परीक्षा कार्यक्रम में संशोधन नहीं किया जाता है तो उन्हें बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
इस वर्ष बोर्ड परीक्षा कार्यक्रम की जो समय सारिणी निर्धारित की गई है अब उसमें तमाम विसंगतियों का सामना परीक्षार्थी को करना पड़ रहा है। हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए घोषित कार्यक्रम में कुछ विषयों में समय अंतराल को लेकर आपत्ति जताई गई है। विसंगति दूर कर संशोधन किए जाने की मांग की गई है। हाईस्कूल के परीक्षार्थियों अशोक कुमार सैनी, महेश प्रजापति, सौरभ अग्रवाल का कहना है कि परीक्षा कार्यक्रम में एक मार्च 2025 को प्रथम पाली में हाईस्कूल गणित एवं द्वितीय पाली में हाईस्कूल आटोमोबाइल और वाणिज्य विषय की परीक्षा है तथा चार मार्च को प्रथम पाली में हाईस्कूल विज्ञान व द्वितीय पाली में हाईस्कूल कृषि विषय की परीक्षा है।
इसी तरह प्रथम पाली में इंटरमीडिएट वाणिज्य वर्ग के लिए लेखाशास्त्र विषय तथा द्वितीय पाली में इंटरमीडिएट अर्थशास्त्र की परीक्षा प्रस्तावित है। चूंकि हाईस्कूल में विज्ञान अनिवार्य विषय है, इसलिए जो छात्र प्रथम पाली में विज्ञान की परीक्षा देंगे वही छात्र द्वितीय पाली में कृषि विषय लिए होने पर उसकी भी परीक्षा देंगे। इसी तरह इंटरमीडिएट वाणिज्य वर्ग के छात्र सुबह की पाली में लेखाशास्त्र विषय की परीक्षा देंगे और अर्थशास्त्र भी विषय पढ़ने वाले परीक्षार्थी द्वितीय पाली में अर्थशास्त्र की भी परीक्षा देंगे। छात्रों का कहना है कि दोनों पालियों में परीक्षा का कार्यक्रम विसंगतियों से भरा हुआ है। इंटरमीडिएट के छात्रों ने बताया कि सुबह लेखाशास्त्र की परीक्षा दे और दूसरी पाली में अर्थशास्त्र ऐसा कैसे संभव है।
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ पवन कुमार तिवारी ने बताया परीक्षा कार्यक्रम में आंशिक संशोधन की आवश्यकता है, छात्रों की ओर से प्रार्थना पत्र भी आया है। माध्यमिक शिक्षा परिषद को सूचना भेजी जा रही है।
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