कानपुर में 14 साल से टंकी बनी ठूंठ, पानी एक बूंद नहीं: सुजातगंज के लोगों को नहीं मिल पा रहा पीने के लिए पानी

सीओडी नाला गंदगी से पटा, सड़कों के किनारे जमा कूड़ा

कानपुर में 14 साल से टंकी बनी ठूंठ, पानी एक बूंद नहीं: सुजातगंज के लोगों को नहीं मिल पा रहा पीने के लिए पानी

कानपुर, अमृत विचार। करोड़ों की लागत से तैयार टंकी खड़ी है, लेकिन पीने का पानी नहीं। नाला है, मगर सफाई नहीं। सड़क कूड़े और कचरे से पटी है। दुर्गंध से सांस लेना मुश्किल रहता है। ऐसे हालात में जीवन जी रही है सुजातगंज की हजारों की आबादी। लोगों का कहना है अधिकांश हैंडपंप भी सूखे पड़े हैं, पीने का पानी जिन पड़ोसियों के यहां सबमर्सिबल लगा हैं, उनसे मांग लेते हैं। 

जब नाला ओवरफ्लो होता और गंदगी घरों में भरती है तो परिजनों के साथ मिलकर उसे बाहर निकाल देते हैं। अधिकारियों से कह कर थक चुके हैं, सुनवाई होती नहीं है। 

सुजातगंज मोहल्ले में 2011 में पानी की टंकी का निर्माण हुआ था। लेकिन टंकी का न उद्घाटन हुआ न ही लोगों को पानी मिला। टंकी से वाटर लाइनों में आज तक कनेक्शन ही नहीं जोड़ा गया है। टंकी को गंगा बैराज लाइन से जोड़ा जाना था। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि एक बड़े क्षेत्र में पानी के लाले पड़े हैं। लोगों के अनुसार पेयजल के लिए दूसरों के घरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। 

अधिकांश हैंडपंप खराब, इक्का दुक्का चालू 

सुजातगंज के लोगों का कहना है कि इक्का दुक्का ही हैंडपंप चालू हैं, वहां भी लंबी लाइन लगती है। ज्यादा चलाने से उनसे भी गंदा पानी आने लगता है। इसलिए अधिकांश लोग पड़ोसियों से पानी भरते हैं। 

चार साल से नहीं साफ हुआ सीओडी नाला

सुजातगंज से निकला सीओडी नाला भी क्षेत्रवासियों के लिए मुसीबत बना है। लोगों के अनुसार करीब चार साल से नाले की सफाई नहीं हुई है, जिस कारण जाम है। बारिश के दिनों में घरों में नाले का गंदा पानी भर जाता है। दुर्गंध के कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है। 

सड़क पर दूर तक जमा कूड़ा 

सुजातगंज में सीओडी के सामने से श्याम नगर जाने वाली रोड से निकलने पर लोग कतराने लगे हैं। लोगों का कहना है कि इस रोड पर पंद्रह दिन में ही झाड़ू लगती है। उसके बाद भी कूड़ा नहीं उठाया जाता है। झाड़ू लगाने के बाद सफाई कर्मी कूड़ा वहीं छोड़ देते हैं। जो दिनभर उड़ता रहता है। कूड़े के ढेर के कारण आधी सड़क चलने लायक नहीं है। जब कोई वीआईपी आता है तब भी झाड़ू लगाने के बाद कूड़ा किनारे समेट दिया जाता है। 

क्षेत्रीय लोगों ने बताया 

पानी की समस्या से जूझते एक दशक से ज्यादा समय बीत गया है। अब तो अधिकारियों को अपनी परेशानी बताने का भी मन नहीं करता है। आश्वासन के सहारे कितने दिन रहें जब मांग ही पूरी नहीं होनी है।- आफताब आलम, सुजातगंज
 
जिन पड़ोसियों के यहां सबमर्सिबल लगा है, उनसे पीने का पानी रोज मांगना पड़ता है। पुरानी वाटर लाइनों से कभी कदार सीवर की गंदगी आती है। हैंडपंप का भी सहारा नहीं है। एक-दो ही चालू हालत में होंगे।- मोहम्मद रफीक, सुजातगंज
 
पानी की समस्या के साथ सीओडी नाला भी क्षेत्रवासियों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बना है। ओवरफ्लो होने पर घरों में गंदा पानी भर जाता है। करीब चार साल से ज्यादा हो गई, सीओडी नाला की सफाई नहीं हुई है।- मोहम्मद रईस, सुजातगंज

सफाईकर्मी गलियों में एक सप्ताह में और सड़कों पर पंद्रह दिन में झाड़ू लगाने आते हैं। कूड़ा भी नहीं उठाते हैं। झाड़ू लगाकर गंदगी सड़क किनारे ही छोड़कर चले जाते हैं, वह दिनभर उड़ती है।- अब्दुल कद्दूस, सुजातगंज

सीओडी के सामने से श्याम नगर जाने वाली रोड से कूड़ा व कचरा से पटी मिल जाएगी। इस रोड पर सिर्फ किसी वीआईपी के आने पर ही सफाई होती है। उसके बाद भी कूड़ा नहीं उठाया जाता है। सड़क पर नरक फैला है।- मोहम्मद शरीफ, सुजातगंज

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