राजनीति में युवा

राजनीति में युवा

भारत युवा आबादी वाला देश है तो राजनीति में युवाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाना आवश्यक है। रविवार को मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ठीक ही कहा कि विकसित भारत के निर्माण में युवाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। जब युवा दिमाग एकजुट होकर देश के भविष्य की यात्रा के बारे में विचार-विमर्श करते हैं, तो सकारात्मक रूप से ठोस रास्ते निकलते हैं।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से युवाओं से राजनीति में आने का आग्रह किया था। राजनीति में प्रवेश करने के लिए युवाओं में रुचि विकसित करने के प्रयास के तहत अगले साल स्वामी विवेकानंद की जयंती पर की जाने वाली पहल ‘विकसित भारत युवा नेता संवाद’ स्वागत योग्य है। इसमें पूरे भारत से युवा हिस्सा लेंगे। एक लाख युवाओं को, नए युवाओं को राजनीति से जोड़ने के लिए देश में कई विशेष अभियान चलाए जाएंगे। इससे युवाओं को सीधे अपने विचार हमारे सामने रखने का अवसर मिलेगा। इन विचारों को देश कैसे आगे बढ़ा सकता है?

वास्तव में जो भारत का भविष्य बनाने वाले हैं, जो देश की भावी पीढ़ी हैं, उनके लिए यह एक उत्तम अवसर है। कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, स्विट्जरलैंड और आस्ट्रेलिया ऐसे कुछ प्रमुख देश हैं, जहां 18 साल का पड़ाव पार करते ही चुनाव लड़ने की अर्हता प्राप्त हो जाती है। वहीं, अमेरिका के कुछ राज्यों, ब्राजील और इंडोनेशिया में 21 वर्ष की आयु सीमा चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम आयु वर्ग के रूप में स्वीकार्य है।

विकसित भारत के लिए आवश्यक है कि युवा लोग औपचारिक राजनीतिक प्रक्रियाओं में शामिल हों और आज और कल की राजनीति को तैयार करने में उनकी भूमिका हो। समावेशी राजनीतिक भागीदारी न केवल एक मौलिक राजनीतिक और लोकतांत्रिक अधिकार है, बल्कि स्थिर और शांतिपूर्ण समाजों के निर्माण और युवा पीढ़ियों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने वाली नीतियों को विकसित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

राजनीतिक संस्थाओं, प्रक्रियाओं और निर्णय लेने में युवाओं का पर्याप्त प्रतिनिधित्व हो, इसके लिए उन्हें अपने अधिकारों के बारे में पता होना चाहिए और उन्हें सभी स्तरों पर सार्थक तरीके से भाग लेने के लिए आवश्यक ज्ञान और क्षमता दी जानी चाहिए। इसमें कोई संदेह नहीं कि युवाओं को राजनीति से जोड़ना किसी भी दृष्टि से श्रेयस्कर होगा। इससे नीति निर्माण में उनकी आकांक्षाओं की सहज रूप से अभिव्यक्ति हो सकेगी।