गोंडा: पहले कर ली भर्ती, अब अभिलेख देने से कतरा रहे स्कूल प्रबंधक 

संदेह के दायरे में एडेड स्कूलों में भर्ती किए गए 400 से अधिक शिक्षक 

गोंडा: पहले कर ली भर्ती, अब अभिलेख देने से कतरा रहे स्कूल प्रबंधक 

गोंडा, अमृत विचार। शिक्षक भर्ती को लेकर जिले के एडेड स्कूल एक बार फिर से चर्चा में हैं। एडेड स्कूलों के प्रबंधक अपने यहां भर्ती किए गए शिक्षकों का शैक्षिक अभिलेख देने से कतरा रहे हैं। अभिलेख के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी नोटिस पर नोटिस जारी कर रहे हैं लेकिन प्रबंधक हैं कि अभिलेख देने को तैयार ही नहीं है। ऐसे में इन स्कूलों में भर्ती किए गए 400 से अधिक शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता और भर्ती प्रक्रिया संदेह के दायरे में आ गयी है। 

बीएसए ने 15 एडेड स्कूलों के प्रबंधकों को नोटिस जारी कर उनके यहां कार्यरत शिक्षकों का शैक्षिक अभिलेख उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। अभिलेख न देने की स्थिति में वेतन रोकने और एक पक्षीय कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गयी है। बीएसए के पत्र के बाद ऐडेड स्कूलों के संचालकों में खलबली मची है। 
जिले में कुल 29 एडेड स्कूल संचालित हो रहे हैं जिनमें करीब 700 से अधिक शिक्षकों व शिक्षणेत्तर  कर्मचारियों की नियुक्ति बताई जाती है। इन शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू से ही विवादों का केंद्र रही है।

स्कूल प्रबंधक और प्रधानाचार्य मनमाने तरीके से अपने स्कूलों में शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मियों की भर्ती कर लेते हैं। भर्ती के कुछ दिन बाद वह वेतन का भुगतान को लिए कोर्ट चले जाते हैं और काम के आधार पर वेतन भुगतान का आदेश करा लेते हैं। इस भर्ती से लेकर वेतन भुगतान कराने तक का ठेका होता है।‌ एक बड़ा रैकेट इसके पीछे काम करता है जो भर्ती का पूरा मैनेजमेंट देखता है।  पिछले पांच साल से इस भर्ती प्रक्रिया की जांच एसआईटी कर रही है‌। जांच के लिए एसआईटी इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का शैक्षिक अभिलेख मांग रही है लेकिन स्कूल संचालक अभिलेख देने को तैयार नहीं है। अब तक सिर्फ 14 स्कूलों ने अभिलेख उपलब्ध कराया है जबकि 15 स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का अभिलेख अभी एसआईटी को नहीं मिल सका है। 

अभिलेख न मिलने से जांच अटकी हुई है और 400 से अधिक शिक्षकों की योग्यता व नियुक्ति संदेह के दायरे में है। बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से इन स्कूलों को पांच बार नोटिस दी जा चुकी है लेकिन अभिलेख देना तो दूर प्रबंधकों ने नोटिस का जवाब तक नहीं दिया है। अब बीएसए ने अभिलेख न देने वाले 15 स्कूलों के प्रबंधकों को नोटिस जारी कर अभिलेख जमा करने का निर्देश दिया है। बीएसए अतुल तिवारी ने बताया कि शैक्षिक अभिलेख न देने पर संबंधित स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का वेतन रोकने और एक पक्षीय कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है।  

चार साल पहले निलंबित किए जा चुके हैं बीएसए 
एडेड स्कूलों में भर्ती फर्जीवाड़े की जांच के मामले में चार साल पहले शासन स्तर से बड़ी कार्रवाई हो चुकी है। जांच एजेंसी एसआईटी को अभिलेख उपलब्ध कराने में नाकाम रहने पर जिले में कार्यरत रहे बीएसए मनीराम सिंह को निलंबित किया जा चुका है। मनीराम सिंह पर जांच में सहयोग न करने के आरोप में कार्रवाई की गयी थी। उन्हे 18 फरवरी  2020 में निलंबित किया गया था। इस कार्रवाई के बाद 14 स्कूलों के प्रबंधकों ने शिक्षकों का ब्योरा उपलब्ध करा दिया लेकिन 15 स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का अभिलेख अभी भी विभाग को नहीं मिल सका है। 

इन स्कूलों को दी गयी नोटिस 
- गयादीन सिंह लघु माध्यमिक विद्यालय- प्रहलादगंज 
- सूकरखेत लघु माध्यमिक विद्यालय- पसका  
- भैय्या भगवती प्रसाद सिंह लघु माध्यमिक विद्यालय- शाहपुर 
- महाशाह विशेन लघु माध्यमिक विद्यालय- सुसेला
- भैय्या चंद्रभान दत्त स्मारक लघु माध्यमिक विद्यालय- रामपुर टेंगरहा
- देहातीय लघु माध्यमिक विद्यालय - देवरिया अलावल 
- वंशीधर किसान लघु माध्यमिक विद्यालय तामापार मिश्रौलिया
- बालक भगवान लघु माध्यमिक विद्यालय भटपुरवा विशुनपुर
- श्री घमंडीराम शास्त्री लघु माध्यमिक विद्यालय 
 - आरपी किसान लघु माध्यमिक विद्यालय मंडफ
- पंडित बृजभूषण मिश्र स्मारक लघु माध्यमिक विद्यालय- बैजलपुर
-अमर शहीद राजेंद्र लाहिड़ी 
- संजय गांधी लघु माध्यमिक विद्यालय-गोनहा 
- कृषक लघु माध्यमिक विद्यालय करमा
- चैंबर्स गर्ल्स मेमोरियल लघु माध्यमिक विद्यालय नगर क्षेत्र

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