Kanpur: जवाहरपुरम योजना का होगा विस्तार; काश्तकार नहीं लगा सकेंगे अड़ंगा, केडीए ने उठाया ये कदम...
मुआवजा लेने के बाद भी खतौनी वर्ष में नाम दर्ज होने का उठा रहे थे फायदा
कानपुर, अमृत विचार। जवाहरपुरम योजना में जमीनों का मुआवजा लेने के बावजूद खतौनी वर्ष में नाम दर्ज होने का फायदा उठा रहे काश्तकार अब अड़ंगा नहीं लगा सकेंगे। केडीए ने प्राधिकरण स्वामित्व की भूमि पर 158 काश्तकारों के नाम खारिज कर अर्बन सीलिंग का नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराये जाने की कार्रवाई की है। काश्तकारों की वजह से योजना का विस्तार नहीं हो पा रहा था। निर्माण कार्य में यह अड़ंगा लगाते थे। अब साढ़े चार हेक्टेयर जमीन को कब्जे में लेकर केडीए योजना का विस्तार करेगा।
केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ब्याल और सचिव अभय कुमार पाण्डेय के निर्देश पर जांच के दौरान बारासिरोही के अन्तर्गत केडीए के स्वामित्वाधीन भूमि पर फर्जी/अवैध तरीके से वर्तमान खतौनी वर्ष में काश्तकारों का नाम दर्ज होने का प्रकरण सामने आया था। विशेष कार्याधिकारी भूमि बैंक (जोन-2) डॉ. रवि प्रताप सिंह के द्वारा जब बारासिरोही की आराजी वार अभिलेखीय व स्थलीय गहनतापूर्वक जांच करायी गयी, तो पता चला कि 158 काश्तकार ऐसे हैं, जिनका नाम खतौनी में है जिसकी कुल जमीन साढ़े चार हेक्टेयर है।
केडीए के स्वामित्व वाली भूमि पर फर्जी/अवैध तरीके से दर्ज 158 काश्तकार के नाम को खारिज कर अरबन सीलिंग का नाम खतौनी में दर्ज करने की प्रक्रिया प्रस्तावित की गई एवं भूमि बैंक की विशेष टीम गठित कर रिपोर्ट मांगी गई है। अधिकारियों ने शिथिलता के लिए संबंधित कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई करने के लिये सचेत किया गया है। रवि प्रताप सिंह ने कहा कि प्राधिकरण स्वामित्व की अन्य आराजियों की भी नियमानुसार जांच करायी जा रही है, ताकि ऐसी फर्जी इण्ट्री को चिन्हांकित करते हुए केडीए के भूमि बैंक में बढ़ोत्तरी की जा सके।