संभल की जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा, कोर्ट के आदेश पर हुआ सर्वे
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरि शंकर जैन व अन्य ने सिविल सीनियर डिवीजन की कोर्ट में दायर किया वाद
संभल, अमृत विचार। संभल की जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करते हुए सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद दायर किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन व अन्य की ओर से दायर वाद को लेकर अदालत ने विपक्षियों को नोटिस जारी करने के साथ ही अधिवक्ता कमीशन नियुक्त कर जामा मस्जिद का सर्वे करने के आदेश दिए तो आदेश के कुछ देर बाद ही डीएम, एसपी की मौजूदगी में भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच जामा मस्जिद का सर्वे कराकर वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी कराई गई।
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरि शंकर जैन , अंतरराष्ट्रीय हरिहर सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत ऋषिराज गिरि व अन्य की ओर से सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह के न्यायालय में वाद दायर कर दावा किया कि संभल की जामा मस्जिद वास्तव में हरिहर मंदिर है। 1529 में बाबर ने हरिहर मंदिर को तोड़कर इसे मस्जिद के रूप में परिवर्तित करने का प्रयास किया था। अदालत के समक्ष यह भी कहा गया कि वहां पर अभी भी हरिहर मंदिर के तमाम प्रमाण और चिन्ह मौजूद हैं। अदालत ने वाद सुनवाई के लिए स्वीकृत करते हुए जामा मस्जिद कमेटी, एएसआई सहित सभी विपक्षियों को नोटिस जारी किए। साथ ही, अगली सुनवाई के लिए 29 नवंबर की तारीख तय कर दी। इसके बाद वादी की तरफ से एक प्रार्थना पत्र अदालत को देकर अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त कर मौके की आख्या मय फोटो वीडियो अदालत को उपलब्ध कराने की मांग रखी। इस पर सुनवाई करते हुए सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने प्रार्थना पत्र स्वीकृत कर अधिवक्ता आयुक्त से सर्वे कराने के आदेश पारित कर दिए। इस आदेश के बाद अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक से अदालत के आदेश का पालन कराने के लिए पुलिस बल की मांग रखी तो कुछ ही देर में सर्वे के लिए व्यवस्थाएं मुकम्मल कर दी गईं। जिलाधिकारी डॉ.राजेंद्र पैंसिया, पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई, अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन व अधिवक्ता आयुक्त के साथ जामा मस्जिद पहुंचे और वहां सर्वे की कार्रवाई शुरू कराई। अधिवक्ता आयुक्त ने दो घंटे से अधिक समय तक जामा मस्जिद में रहकर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के माध्यम से साक्ष्य संकलित कराए। जामा मस्जिद में सर्वे की कार्रवाई के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में बाहर इकट्ठा हुए तो पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों और जामा मस्जिद कमेटी के लोगों ने उन्हें समझाकर वापस किया। सर्वे के बाद अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सर्वे को लेकर वह अभी कुछ नहीं बोलेंगे। वहां सर्वे के दौरान सांसद व विधायक पुत्र सहित कुछ ऐसे लोग पहुंचे जिन्हें वहां नहीं होना चाहिए था।
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