Prayagraj News : कैदी की आत्महत्या के मामले में जेल वार्डर से मुआवजा वसूली पर लगाई रोक

Prayagraj News : कैदी की आत्महत्या के मामले में जेल वार्डर से मुआवजा वसूली पर लगाई रोक

अमृत विचार, लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुजफ्फरनगर जिला जेल में कैदी की आत्महत्या के मामले में हेड जेल वार्डर कैलाश मीना से मुआवजा वसूली पर रोक लगाते हुए कहा कि इस मामले पर विचार करने की आवश्यकता है। न्यायालय ने विपक्षियों को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया और याची को प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया।

कोर्ट ने याचिका की अगली सुनवाई आगामी 20 जनवरी 2025 को निर्धारित की है। कोर्ट ने अगली सूचीबद्ध तिथि तक याची से मुआवजे की वसूली से संबंधित अधीक्षक, जिला जेल, मेरठ द्वारा पारित आदेश दिनांक 24.10.2024 का प्रभाव और संचालन स्थगित कर दिया। उक्त आदेश न्यायमूर्ति विकास बुधवार की एकलपीठ ने कैलाश मीना की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। मामले में याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि 5 अगस्त 2019 को जब याची जेल में हेड जेल वार्डर के पद पर तैनात था, तब जिला जेल के बैरक नंबर 9-10 के कमरा नंबर 1 में 11 अन्य कैदियों के साथ बंद विचाराधीन कैदी अंकुर पुत्र वीरेंद्र उर्फ ​​विलेंद्र ने आत्महत्या कर ली थी।

यह मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास पहुंचा, जहां 4 लाख रुपए मुआवजे की मांग की गई। जांच के बाद जांच अधिकारी अपर सिविल जज (जूनियर डिवीजन)/न्यायिक मजिस्ट्रेट, मुजफ्फरनगर ने याची को किसी भी चूक/कदाचार का दोषी नहीं पाया, बल्कि इसका दायित्व एक अन्य हेड जेल वार्डर राम बल सिंह पर डाला गया।

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