औरैया में युवती की हत्या का मामला: विधायक के समझाने पर किया गया अंतिम संस्कार, परिजनों ने फिर लगाया पुलिस पर आरोप, उठाईं ये मांगें
औरैया, अमृत विचार। बिधूना तहसील के थाना कुदरकोट के गांव छोटा पथरिया निवासी चार दिन से गायब 25 वर्षीय युवती की जघन्य हत्या किए जाने से आक्रोशित परिजनों ने रविवार को अपराधियों को सजा, परिवार के बच्चों को नौकरी व सुरक्षा की मांग करते हुए उसका अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। मौके पर मौजूद अधिकारियों के आश्वासन एवं दिबियापुर से सपा विधायक प्रदीप यादव के हस्तक्षेप के बाद परिजनों ने करीब दो बजे अंतिम संस्कार किया।
बता दें कि थाना कुदरकोट क्षेत्र के गांव छोटा पथरिया निवासी अंजलि (25 वर्ष) पुत्री जयवीर सिंह को दिबियापुर निवासी उसकी सहेली दीक्षा ने 11 नवम्बर को रामा हॉस्पिटल में नौकरी लगवाने के नाम पर कानपुर बुलाया था। जिसके बाद से अंजलि गायब थी। शुक्रवार की सुबह उसका धड़ से सिर कटा शव थाना बिधूना क्षेत्र के गांव भिखरा में एक बाजरे के खेत में मजदूरों को फसल काटते समय पड़ता मिला था।
जिसकी जानकारी खेत मालिक के बेटे सुनील सेंगर ने पुलिस को दी थी। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक अभिजीत आर शंकर, एडीएम एमपी सिंह, क्षेत्राधिकारी भरत पासवान सहित कई थानों का फोर्स मौके पर पहुंचा था। जहां पर पहुंच कर मृतका के पिता जयवीर सिंह, बहनोई सुदीप यादव व फूफा अखिलेश यादव आदि ने उसकी पहचान अंजलि के रूप में की थी।
नौकरी के नाम पर बुलाकर अंजलि की निर्ममता पूर्वक हत्या कर उसका सिर धड़ के अलग करने के साथ सिर को किसी से कूच कर खेत में फेंके जाने से परिजनों में काफी आक्रोश था। अंजलि के फूफा अखिलेश यादव ने शनिवार को थानाध्यक्ष कुदरकोट ज्ञानेंद्र सिंह पर लापरवाही बरतने और कार्रवाई के नाम पर पैसा लेने के बाद भी और पैसा मांग कोई ठोस कदम न उठाने का आरोप लगाया था।
वहीं पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया था। पीएम होने के बाद देर रात शव को गांव लाया गया था। जहां पर सुरक्षा व शांति को देखते हुए भारी पुलिस फोर्स तैनात था। रविवार की सुबह परिजनों ने अपराधियो को पकड़कर सजा दिलाने, अपराधियों को सजा न मिलने तक परिवार को सुरक्षा एवं परिवार की बच्चियों को नौकरी दिए जाने की मांग करते हुए शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। उक्त जानकारी होते ही क्षेत्राधिकारी भरत पासवान, उपजिलाधिकारी न्यायिक रामौतार वर्मा भी गांव पहुंच गये, जिन्होंने अंजलि के अंतिम संस्कार हेतु परिजनों को समझाने का प्रयास किया। किन्तु वह नहीं मान रहे थे।
इसी बीच दिबियापुर से सपा विधायक प्रदीप यादव गांव पहुंचे जिन्होंने परिजनों से बात की। साथ ही पुलिस अधीक्षक से उनकी हुई वार्ता के बारे में बताया तथा कहा कि वह सभी पीड़ित परिवार के साथ हैं और अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ उन्हें कड़ी सजा मिलेगी। अधिकारियों ने भी पूरी कार्रवाई का आश्वासन दिया। विधायक के हस्तक्षेप के बाद परिजन अंजलि के अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए। जिसके बाद उन्होंने लगभग दो बजे मृतका का अंतिम संस्कार किया। इस दौरान जिले के कई थानों का फोर्स मौजूद रहा।
चाचा ने पुलिस पर फिर लगाया आरोप
सीआरपीएफ में तैनात मृतका के चाचा सुखवीर सिंह ने अंजलि को उसकी सहेली दीक्षा द्वारा नौकरी के नाम पर अंजलि उर्फ मन्नू को फोन कर कानपुर बुलाये जाने से लेकर बिधूना के भिखरा गांव में बाजरे के खेत शव मिलने तक की घटना की जानकारी देते हुए पुलिस पर आरोप लगाया कि घटना की जानकारी देने के बाद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बताया कि भिखरा के पास भतीजी की लोकेशन मिलने पर वहां साथ तो गये पर वापस आकर भी कोई ठोस एक्शन नहीं लिया, उल्टा कुदरकोट थानाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र सिंह ने भतीजी पर लांछन लगाया कि आपकी बच्ची दो दिन में शादी करके घर आ जाएगी।
ऐसा कहने के साथ भाई को धमकाया। कार्रवाई करने के नाम पर 5 हजार रूपए की रिश्वत ली, तब वहां साथ गये थे। थानाध्यक्ष पर षड्यंत्र का भी आरोप लगाया। कहा कि जिला प्रशासन ने अभी तक हम लोगों को कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया और न ही यहां पर कोई आये है। कहा कि हमारी मांग है हमारी भतीजी का अपहरण करके उसका बालात्कार और जो कत्ल किया गया है। उसके सिर को काटकर हथौड़े से कूट कूट कर उसके टुकड़े कर तेजाब से जला दिया गया है। जिन्होंने इस तरह का काम किया है, उन्हें उसी प्रकार की सजा मिले। भाई एवं परिवार को सुरक्षा के साथ बच्चियों को नौकरी दी जाये।
विधायक बोले
दिबियापुर से समाजवादी पार्टी के विधायक प्रदीप यादव ने कहा वर्तमान में कानून व्यवस्था के मामले में सरकार व प्रशासन दोनों विफल हैं। जितना प्रशासन है, वह सब लूटने में लगा है। अगर लूटने में न लगा होता तो यह घटना होती ही नहीं। कुदरकोट के एसओ को शुरू में ही जब पूरी जानकारी दी गयी, रिपोर्ट लिखने व कार्रवाई के लिए कहा गया तो वह बराबर टाल-मटोल करते रहे और पीड़ित परिवार को ही धमकाते रहे एवं अभद्र भाषा का प्रयोग करते रहे।
पीड़ित परिवार से खर्चा के नाम पर 5 हजार ले लिए। बोले के इस स्तर पर पुलिस गिर जाएगी तो ऐसी जघन्य घटनाएं तो होंगी ही। कहा कि उन्हें एसपी ने आश्वासन दिया है कि तत्काल 24 घंटे के अंदर घटना का खुलासा होगा और अपराधी जेल जाएंगे। अपराधी को बिल्कुल बख्शा नही जायेगा। कहा कि उन्होंने यह भी आश्वासन दिया है कि पीड़ित परिवार को जो भी धमकाएगा उन पर भी कार्रवाई होगी। अंत में बोले कि हम लोग पीड़ित परिवार के साथ है। पुलिस ने पूरी घटना वर्कआउट कर ली है।
भाकियू ने दिया ज्ञापन
मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी न्यायिक रामौतार वर्मा को भारतीय किसान यूनियन की तरफ से राष्ट्रीय प्रवक्ता दीपक सिंह ने एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें घटना की सीबीसीआईडी जांच कराने, पीड़ित परिवार को मिल रहीं धमकियों को देखते हुए अपराधियों को सजा न मिलने तक सुरक्षा दिये जाने एवं दोनों बच्चियों को सरकारी नौकरी व विवाह का प्रबंध किये जाने की मांग की गयी है।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
मृतका मां सरिता देवी, पिता जयवीर सिंह, भाई अर्पित व बहनों माधुरी, बीनू व रितू का रो-रोकर कर बुरा हाल हो रहा था। मृतका का भाई सबसे छोटा है और वह दूसरे नम्बर की बहन थी। अंजलि ने बीएससी की थी और बैवाह स्थित गुरूजी इंटर कालेज में पढ़ाती थी। वह मई-जून माह में कौशल विकास योजना के तहत दिबियापुर में प्रशिक्षण लेने गयी थी। जहां पर उसकी दीक्षा से दोस्ती हुई।