Kanpur: अब प्राइवेट अस्पतालों में भी फायर सेफ्टी की होगी जांच, सभी सीएचसी और पीएचसी में नियुक्त होंगे फायर सेफ्टी नोडल अफसर
सीएमओ डॉ.आलोक रंजन ने अस्पतालों में मानक पूरा करने को लिखा पत्र
कानपुर, अमृत विचार। शहर से लेकर ग्रामीणों क्षेत्र तक ऐसे निजी अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है, जो मानकविहीन हैं। एक-एक कमरे और घरों में संचालित इन अस्पतालों में अगर आग लगने जैसी घटना हो जाए तो मरीजों और उनके तीमारदारों को बचा पाना संभव नहीं है। सीएमओ ने ऐसे निजी अस्पतालों की जांच करने और फायर सेफ्टी नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं।
शहर में कल्यानपुर, आवास विकास, पुराना शिवली रोड, नई शिवली रोड, पनकी रोड, गोविंद नगर, नौबस्ता, किदवई नगर, रामादेवी के साथ बिल्हौर, घाटमपुर और नर्वल तहसील क्षेत्रों में संचालित ज्यादातर ऐसे निजी अस्पताल हैं, जो एक कमरे या फिर घर में चल रहे हैं। कुछ अस्पताल बिना पंजीकरण और बिना मानक के संचालित हो रहे हैं। तमाम अस्पतालों में अग्निशमन के प्रबंध नहीं हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के सामने पहुंचने वाली रिपोर्ट में सब कुछ ठीक है।
झांसी मेडिकल कॉलेज में हादसे के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी है। शनिवार को सीएमओ डॉ.आलोक रंजन ने एक पत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने झांसी मेडिकल कालेज में दुखद अग्निकांड का जिक्र करते हुए जिले के सभी चिकित्सालय प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि अपने-अपने यहां अग्निशमन संयंत्रों का बारीकी से परीक्षण करा लें। उन्होंने सभी अस्पतालों में एक फायर सेफ्टी नोडल अफसर नामित करने के भी निर्देश दिए हैं। ये नोडल अफसर निजी अस्पतालों में अग्निशमन उपायों का सत्यापन करेंगे और खामी पाए जाने पर कार्रवाई करेंगे।
मुख्य अग्निश्मन अधिकारी ने सीएमओ को लिखा पत्र
झांसी मेडिकल कॉलेज से लौटे मुख्य अग्निशमन अधिकारी दीपक शर्मा ने कहा कि निजी अस्पतालों में अभियान चलाया जाएगा। इस संबंध में उन्होंने सीएमओ डॉ.आलोक रंजन को पत्र लिखा है, जिसमें कहा है कि जो अस्पताल बिना लाइसेंस और मानक के चल रहे हैं, उनके खिलाफ जांच कराई जाए और विभाग के साथ मिलकर इन अस्पतालों को सील किया जाए।