SNCU में धधक चुकी है आग, फिर भी आग से निपटने के लिए बरेली में इंतजाम नाकाफी
बरेली, अमृत विचार : झांसी के मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में आग लगने से 10 बच्चों की मौत के बाद शासन ने अलर्ट जारी किया है, जिससे निजी और सरकारी अस्पताल प्रबंधन सतर्क हो गए हैं। बीते साल जिला महिला अस्पताल स्थित एसएनसीयू में शार्ट सर्किट से आग लगने से एक बच्चे की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद से यहां आग से निपटने के इंतजाम तो बढ़ाए गए हैं, लेकिन ये नाकाफी हैं।
यूनिट के बाहर दो फायर एक्सटिंग्विशर लगे हैं, लेकिन यहां बच्चों को भर्ती करने के लिए 12 रेडिएंट वार्मर और फोटो थेरेपी मशीनें लगी हैं। जिला महिला अस्पताल के साथ जिला अस्पताल में आग से बचाव के लिए फायर पंप का भी निर्माण कराया गया है। हालांकि अभी तक इसकी शुरुआत नहीं हो सकी है।
जिला अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने के लिए 20 से अधिक वार्ड हैं लेकिन एक वार्ड में 20 से अधिक बेड हैं, लेकिन आग से निपटने के लिए दो फायर एक्सटिंग्विशर ही लगे हैं। हालांकि प्रबंधन का तर्क है कि फायर पंप के माध्यम से भी पानी का छिड़काव करने की लाइन सभी वार्डों में डलवा दी गई है।
बीते साल के हादसे के बाद फायर सेफ्टी उपकरण भी बढ़ाए गए हैं। समय-समय पर फायर ऑडिट भी कराया जा रहा है। स्टाफ को भी आग बुझाने के उपकरणों को चलाने के लिए प्रशिक्षण दिलाया गया है- डॉ. त्रिभुवन प्रसाद, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल।
आग से बचाव के उपकरण सभी वार्डों में लगे हैं, इनके एक्सपायर होने से पूर्व ही रिफिल भी कराया जा रहा है, जिससे गुणवत्ता खराब न हो। फायर पंप का निर्माण कराया गया है, जिससे सभी वार्डों में सप्लाई दी गई है-डाॅ. अलका शर्मा, एडीएसआईसी, जिला अस्पताल।
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