प्रयागराज : दूसरे समुदाय के युवक के खिलाफ बजरंग दल के सदस्यों द्वारा दर्ज कराई प्राथमिकी रद्द
अमृत विचार, प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक हिंदू नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने वाले मुस्लिम युवक को जमानत पर रिहा कर दिया। दरअसल बजरंग दल के एक सदस्य द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि जावेद आलम नाम के व्यक्ति ने एक हिंदू नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित किए ।
मामले पर विचार करते हुए कोर्ट ने पाया कि जांच के दौरान पीड़िता ने अपने हलफनामे में यह स्वीकार किया है कि आरोपी उसका पति है और उसने अपनी स्वेच्छा से उसके साथ विवाह किया है, साथ ही प्राथमिकी दर्ज करते समय पीड़िता की आयु 17 वर्ष से अधिक थी। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि पीड़िता को याची की जमानत पर कोई आपत्ति नहीं है। वह अपने वैवाहिक कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहती है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने जावेद आलम की याचिका को स्वीकार करते हुए पारित किया। याची पर आरोप लगाया गया कि उसने दसवीं कक्षा की लड़की को ट्रेन से अगवाकर उसका धर्म परिवर्तित करवाकर उसके साथ अनैतिक कृत्य किया। हालांकि याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया है, क्योंकि वह मुस्लिम समुदाय से है और लड़की हिंदू समुदाय से संबंधित है।
अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि ट्रेन यात्रा के दौरान याची का बजरंग दल के सदस्यों से विवाद हो गया था, इसलिए उन्होंने उसके खिलाफ पुलिस स्टेशन जीआरपी कानपुर नगर में आईपीसी, पोक्सो और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई। याची मई 2023 से जेल में निरुद्ध है। इसके विपरीत सीआरपीसी की धारा 161 और 164 के तहत दिए गए बयानों में पीड़िता ने याची के साथ स्वेच्छा से विवाह करने की बात स्वीकार की है। इस आधार पर कोर्ट ने याची को जमानत पर रिहा होने का हकदार माना।
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