World Diabetes Day: 4.81 लाख लोगों में 37 फीसदी शुगर मरीज...डायबिटीज के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता दिवस
सभी स्वास्थ्य केंद्रों में अप्रैल से अब तक 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की हुई स्क्रीनिंग
कानपुर, अमृत विचार। आरामदायक जीवनशैली व गलत खानपान की वजह से लोग डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं। यह एक वैश्विक बीमारी के रूप में उभर रही है। इसकी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने इस वर्ष अप्रैल से अभी तक सभी स्वास्थ्य केंद्रों में 30 वर्ष से अधिक उम्र के करीब 4,81,237 लोगों में मधुमेह की जांच की, जिनमें से 37 प्रतिशित डायबिटीज ग्रस्त पाए गए।
खास बात यह है कि जानकारी होने के बाद भी लोग लापरवाही बरतते हैं, जिससे उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। लोगों को डायबिटीज के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है। इस बार विश्व मधुमेह दिवस पर ‘बाधाओं को तोड़ना, अंतरालों को पाटना’ थीम पर काम होगा।
टाइप-2 डायबिटीज में निकलने लगता पेट
शहर के प्रसिद्ध बेरियाट्रिक सर्जन डॉ.शिवांशु मिश्रा ने बताया कि हर चार में से एक व्यक्ति डायबिटीज या प्री डायबिटीज का शिकार है। इसकी गिरफ्त में अधिकांश मोटे लोग हैं। यह शरीर में दीमक की तरह अंगों को नुकसान पहुंचाने का काम करती है। टाइप-2 डायबिटीज ग्रस्त अधिकांश लोग अपने सामान्य वजन से अधिक हो जाते हैं। उनका पेट बाहर निकलने लगता है। कभी-कभी यह आनुवांशिक भी होता है। कई मामलों में यह खराब जीवन शैली से संबंधित होता है।
डायबिटीज से सभी अंगों को होता नुकसान
एसीएमओ डॉ.एसपी यादव ने बताया कि अनियंत्रित डायबिटीज शरीर के लगभग सभी अंगों को नुकसान पहुंचता है। आरामदायक जीवनशैली की वजह से यह रोग बड़ी संख्या में लोगों को अपनी गिरफ्त में ले चुका है। ओपीडी में पहुंचने वाला हर छठां और भर्ती रोगियों में हरा चौथा व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित मिल रहा है। हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक लेकर आंख, लिवर, किडनी में समस्या व गठिया तक को जन्म देने वाली इस बीमारी से बचने के लिए शरीर को सक्रिय रखना बहुत जरूरी है।
गर्भावस्था के दौरान भी बढ़ता शुगर लेबल
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.उरूज जहां ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। कुछ परिस्थितियों में महिलाओं के शरीर में ब्लड शुगर का स्तर काफी बढ़ जाता है। इसे गर्भकालीन डायबिटीज या फिर गेस्टेशनल डायबिटीज भी कहा जाता है। अक्टूबर माह में 197 गर्भवती महिलाओं की डायबिटीज चेक की गई, जिसमें 27 महिलाओं में डायबिटीज की मात्रा अधिक मात्रा पाई गई।
नियमित व्यायाम से हो सकता बचाव
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कानपुर मंडल की अपर निदेशक डॉ.संजू अग्रवाल ने बताया कि नियमित योग व व्यायाम और सुबह टहलने से इस रोग से बचा जा सकता है। तेल, घी, चिकनाई, फास्ट फूड व नशे की लत शरीर में डायबिटीज को बढ़ावा देने में काफी मदद करती है। टाइप वन डायबिटीज अक्सर हमारे बचपन या किशोरावस्था में होती है, जिसमें शरीर में इंसुलिन के उत्पादन में अचानक कमी होती है। शरीर में ग्लूकोज की मात्रा अधिक होने से इंसुलिन का इंजेक्शन लगाना पड़ता है।
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